15 Jan 2025
'मैं मौत को छूकर टक से वापस आ सकता हूं'... नवाज का यह डायलॉग उस खेल पर सटीक बैठता है, जहां रोमांच और जोखिम का जुनून सिर चढ़कर बोलता है.
पोंगल उत्सव के दौरान तमिलनाडु में पारंपरिक खेल जलीकट्टू का भव्य आयोजन हो रहा है. देशभर से आए प्रतियोगी और दर्शक इस ऐतिहासिक खेल का आनंद लेने पहुंचे हैं.
तमिलनाडु में पोंगल उत्सव के दौरान 14, 15 और 16 जनवरी को राज्य के तीन प्रमुख स्थानों पर जलीकट्टू का रोमांचक खेल दिलों की धड़कनें बढ़ाएगा.
पोंगल त्योहार पर आयोजित जलीकट्टू तमिलनाडु की सांस्कृतिक धरोहर है. 'सल्लि' (सिक्के) और 'कट्टु' (पैकेज) से जुड़े इस खेल में बैलों के सींगों पर इनाम बांधकर इंसानों की उनसे मुकाबला कराया जाता है.
रिवाज के अनुसार, इंसानों और बैलों के बीच होने वाले इस खेल में पहले बैलों के नुकीले सींगों पर सिक्कों की एक छोटी-सी थैली बांधी जाती थी.
हालांकि, अब इस परंपरा में बदलाव आया है और बैलों को काबू करने वाले को ही विजेता घोषित किया जाता है.
हालांकि, जलीकट्टू रोमांचक होने के साथ-साथ खतरनाक भी है. हर साल इस खेल में कई लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं, जिसके चलते सामाजिक कार्यकर्ता इस पर प्रतिबंध लगाने की लगातार मांग करते हैं.