21 Dec 2024
Credit-Meta AI
क्या आपको कभी ऐसा महसूस हुआ है कि आप जिस पल को जी रहे हैं, उसे पहले कहीं देखा या अनुभव किया है.
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आसान भाषा में कहें तो, जब आप पहली बार किसी जगह जाते हैं और अचानक ऐसा महसूस हो कि आप वहां पहले भी आ चुके हैं, या फिर ऐसा लगे कि जो कुछ हो रहा है, वो पहले भी हो चुका है.
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इस अनुभव को देजा वू कहते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि देजा वू असल में क्या है और यह क्यों होता है? आइए, इसका जवाब तलाशते हैं. इसके पीछे के विज्ञान और संभावित कारणों को समझते हैं...
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देजा वू फ्रेंच शब्द है. इसका मतलब 'पहले से देखा हुआ' होता है. ये ऐसी स्थिति होती है, जब हमें लगने लगता है कि कोई एक्सपीरिएंस, घटना हमारे साथ पहले हो चुकी है.
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इस शब्द का पहली बार इस्तेमाल 1876 में फ्रांसीसी दार्शनिक एमिल बोइराक ने अपने एक पत्र में किया था. लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 80% लोग अपने जीवन में कम से कम एक बार देजा वू का अनुभव करते हैं.
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वैज्ञानिकों ने देजा वू को लेकर कई थ्योरी पेश की हैं, लेकिन अब तक इसे पूरी तरह से साबित नहीं किया जा सका है.
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वैज्ञानिकों का मानना है कि देजा वू इसलिए होता है क्योंकि हमारा दिमाग यादों को गड़बड़ कर देता है। कभी-कभी आप कुछ ऐसा देखते या अनुभव करते हैं जो आपके दिमाग को किसी पुराने अनुभव की याद दिला देता है, भले ही वह बिल्कुल वैसा न हो.
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वैज्ञानिकों का मानना है कि देजा वू इसलिए होता है क्योंकि हमारा दिमाग यादों को गड़बड़ कर देता है। कभी-कभी आप कुछ ऐसा देखते या अनुभव करते हैं जो आपके दिमाग को किसी पुराने अनुभव की याद दिला देता है, भले ही वह बिल्कुल वैसा न हो.
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एक दूसरी थ्योरी के मुताबिक, हमारा दिमाग एक कंप्यूटर की तरह काम करता है, जो यादों को स्टोर और रिकॉल करता है. आमतौर पर, यह पुराने और नए अनुभवों को अलग-अलग ट्रैक करता है.
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लेकिन कभी-कभी दिमाग के सिग्नल क्रॉस या गलत तरीके से फायर हो जाते हैं. जब ऐसा होता है, तो दिमाग गलती से नए अनुभव को पुरानी याद समझ लेता है. यही गलती देजा वू की भावना को जन्म देती है.
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