By: Aajtak.in

33333 फीट की ऊंचाई से जमीन पर जा गिरी महिला, इन 2 वजहों से बची जान 


कहानी एक विमान हादसे में अकेली बची वेसना वुलोविक की है. जो तब महज 23 साल की थीं. उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है.

(Credit- Twitter/Guiness World Record/Pexabay)

हादसा आज से करीब 50 साल पहले 26 जनवरी, 1972 को हुआ था. युगोस्लाव एयरलाइंस की फ्लाइट 367 को स्वीडन के स्टॉकहोम से सर्बिया के बेलग्रेड जाना था.

घटना से जुड़ा वीडियो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड ने ट्विटर पर शेयर किया है. विमान में 33,333 फीट की ऊंचाई पर, चेक गणराज्य के ऊपर आसमान में जोरदार धमाका हुआ. 

इसमें कुल 28 लोग सवार थे, इनमें केवल वेसना ही जीवित बचीं. वीडियो में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के एडिटर और चीफ क्रैग ग्लेंडी ने इस बारे में अधिक जानकारी दी है.

ग्लेंडी ने कहा, 'हादसे वाले दिन वेसना को ड्यूटी पर नहीं आना था. किसी और वेसना को आना था. लेकिन दोनों का एक जैसा नाम होने की वजह से कन्फ्यूजन हो गई.'

वेसना डेनमार्क से विमान में चढ़ीं. इसका पहला स्टॉपओवर कोपेनहेगन (डेनमार्क) था और दूसरा क्रोएशिया, जहां वो कभी नहीं पहुंचा. 

वीडियो में बताया गया है, 'टेकऑफ के 46 मिनट बाद शाम के 4 बजकर 1 मिनट पर लगेज कंपार्टमेंट में जोरदार धमाका हुआ और विमान तीन हिस्सों में बंट गया.'

लोग विमान से नीच गिरकर मरने लगे. ऐसा माना जाता है कि वेसना विमान के पिछले हिस्से में फंस गई थीं. वह खाने के सामान की ट्रॉली के साथ थीं.' 

विमान के जिस हिस्से में वेसना फंसीं, वो बर्फ की मोटी चादर पर गिरा. इस वजह से उनकी जान बच गई. बाद में उनके बचने की दूसरी वजह भी सामने आई.

रिसर्च में पता चला कि वेसना के जीवित बचने का दूसरा कारण उनका लो ब्लड प्रेशर था. इसका भी वेसना को फायदा हुआ.

विशेषज्ञों का कहना है कि जब भी हजारों फीट की ऊंचाई पर ऐसा हादसा होता है तो ब्लड प्रेशर काफी बढ़ जाता है और ऑक्सीजन की कमी से दिल फट जाता है. 

इसी वजह से बाकी लोगों की मौत हो गई. लेकिन वेसना का ब्लड प्रेशर लो रहता था. जिसके चलते वो जानलेवा लेवल तक नहीं पहुंच पाया.

बर्फ की चादर पर मलबे में फंसी वेसना चिल्ला रही थीं. तभी वहां वो शख्स आ गया, जो दूसरे विश्व युद्ध के वक्त मेडिकल टीम का हिस्सा था. उसने वेसना की मदद की.

वेसना के शरीर की लगभग हर हड्डी टूट गई थी. वह अस्थायी तौर पर पैरालाइज हो गईं. वो तीन दिन तक कोमा में रहीं. वह दस दिन बाद चलने लायक हुईं. 

ब्लैक बॉक्स से विमान की ऊंचाई, दिशा और स्पीड का पता चला. इससे मालूम हुआ कि विमान हादसे के वक्त 33,333 फीट की ऊंचाई पर था. वेसना की मौत 66 साल की उम्र में साल 2016 में हुई. 

इसी तरह का हादसा एक और हादसा ठीक एक साल पहले भी हुआ था. दिसंबर, 1971 में 17 साल की जूलियन कोप्के 92 लोगों में अकेली जीवित बची थीं. 

वह जिस विमान में थीं, वह पेरू में क्रैश हुआ. वह उड़ते विमान से कूदकर दो मील दूर अमेजन के जंगलों में गिरीं. यहां वो दो हफ्ते तक फंसी रहीं.