कैसे तैयार होता है बजट, क्या होती हैं तैयारियां? जानें सबकुछ

31 Jan 2024

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 01 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश करेंगी.

यह बजट अप्रैल-मई 2024 में होने वाले अगले आम चुनाव से पहले सरकार का आखिरी बजट है.

आइए जानते हैं कैसे तैयार होता है बजट और कैसी होती है इसकी तैयारी. 

बजट शब्द फ्रांस के बुजे (Bougette) से निकला है, जिसका मतलब होता है चमड़े का बैग.

बजट एक साल का लेखा-जोखा होता है. बजट पेश करने से पहले एक सर्वे कराया जाता है, जिसमें सरकार की कमाई का अनुमान लगाया जाता है. 

क्या है बजट?

बजट में सरकार अनुमान लगाती है कि उसे प्रत्यक्ष कर, अप्रत्यक्ष कर, रेलवे के किराए और अलग-अलग मंत्रालय के जरिए कितनी कमाई होगी.

सर्वे में यह भी पता लगाया जाता है कि आगामी साल में सरकार का कितना खर्च अनुमानित होगा. सीधे शब्दों में कहें तो बजट एक साल में होने वाले अनुमानित राजस्व (कमाई) और खर्चों (अनुमानित व्यय) का ब्योरा होता है.

भारत में बजट को तैयार करने की प्रक्रिया काफी जटिल है. इसे बनाने में वित्त मंत्रालय के साथ नीति आयोग और खर्च से जुड़े मंत्रालय शामिल होते हैं.

कौन तैयार करता है बजट?

वित्त मंत्रालय इन्हीं अलग-अलग मंत्रालयों के अनुरोध पर खर्च का एक प्रस्ताव तैयार करता है. 

इसके बाद बजट बनाने का काम वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले आर्थिक मामलों के विभाग का बजट सेक्शन करता है.

बजट को तीन प्रक्रिया के तहत तैयार किया जाता है. आइए जानते हैं क्या हैं तीनों प्रक्रिया.

बजट तैयार करने की प्रक्रिया

बजट सेक्शन सभी केंद्रीय मंत्रालयों, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, स्वायत्त संस्थानों, विभागों, सैन्यबलों को एक सर्कुलर जारी करता है, जिसमें इन्हें आगामी साल के लिए एस्टिमेट (खर्चों का आकलन) तैयार करने का निर्देश दिया जाता है.

पहला चरण

मंत्रालयों और विभागों की तरफ से अपनी मांग रखे जाने के बाद वित्त मंत्रालय का व्यय विभाग सभी केंद्रीय मंत्रालयों से समझौते शुरू करता है.

इसी दौरान आर्थिक मामलों के विभाग और राजस्व विभाग अलग-अलग हितधारकों जैसे- किसानों, व्यापारियों, अर्थशास्त्रियों, सिविल सोसाइटी संस्थानों के संपर्क में आते हैं और उनसे बजट को लेकर नजरिया पेश करने की मांग करते हैं.

दूसरा चरण

इस प्रक्रिया को प्री बजट डिस्कशन (बजट पूर्व चर्चा) भी कहा जाता है, क्योंकि यह बजट तैयार करने से पहले की प्रक्रिया है.

इसके बाद वित्त मंत्री टैक्स को लेकर अंतिम फैसला लेते हैं. बजट के फाइनल होने से पहले, सभी प्रस्तावों पर प्रधानमंत्री से भी चर्चा की जाती है और उन्हें अगले फैसलों के बारे में अवगत कराया जाता है.

आखिरी कदम के तौर पर वित्त मंत्रालय बजट तय करने से जुड़े सभी विभागों से आमदनी और खर्च की रसीदें हासिल करता है.

तीसरा चरण

इसके जरिए जुटाए गए आंकड़ों से अगले साल की अनुमानित कमाई और खर्चों की योजना तैयार होती है.

इसके अलावा सरकार बजट को अंतिम रूप देने के लिए एक बार फिर राज्यों, बैंकरों, कृषि क्षेत्र के लोगों, अर्थशास्त्रियों और व्यापार संघों के साथ बैठक करती है.

तीसरा चरण

इसमें इन हितधारकों को टैक्स में छूट और आर्थिक मदद देने जैसी बातों पर चर्चा होती है. आखिर में वित्त मंत्रालय संशोधित बजट अनुमानों के आधार पर बजट भाषण तैयार करता है.