इन गायों को पालकर बन सकते हैं मालामाल
ग्रामीण क्षेत्रों में खेती-किसानी के बाद आमदनी का सबसे तगड़ा स्रोत पशुपालन को ही माना जाता है.
गाय और भैंस पालन के सहारे किसान काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. आइए, जानते हैं इनके बारे में.
गिर नस्ल की गाय को भदावरी, देसन, गुजराती, काठियावाड़ी, सोरथी और सुरती भी कहा जाता है.
राठी गाय मूल रूप से राजस्थान की मानी जाती है. ज्यादा दूध देने की क्षमता को देखते हुए ये दुग्ध व्यवसायियों की पसंदीदा बनी हुई है.
अमृतमहल गाय आमतौर पर कर्नाटक क्षेत्र में पायी जाती है. गाय की इस नस्ल को अमृत महल को डोड्डादान के नाम से भी जाना जाता है.
अगर आप गांव में रहकर बढ़िया आमदनी पाना चाहते हैं, तो डेयरी फार्म के व्यवसाय में इन गायों को एड कर सकते हैं. इस बिजनेस में कम लागत में अच्छा मुनाफा है.
सरकार भी डेयरी खोलने के लिए आर्थिक मदद करती है. नाबार्ड डेयरी फार्म खोलने को इच्छुक किसानों को 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी देता है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे क्लिक करें