इन गलतियों की वजह से कार में लग सकती है आग!
CNG (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) से चलने वाली कारें आज के वक्त में लोगों की बड़ी पसंद बनकर उभरी हैं.
बेहतर माइलेज और वातावरण को कम नुकसान पहुंचाने की वजह से ये गाड़ियां काफी खरीदी जाती हैं.
हालांकि, इन सबके बावजूद हाल के कुछ सालों में सीएनजी गाड़ियों में अक्सर आग लगते हुए देखी गई है.
चालक की लापरवाही से लेकर गाड़ी के साथ टेक्निकल इश्यू इसके पीछे मुख्य वजह हो सकती है.
कुछ कार मालिक पेट्रोल, डीजल कारों में सड़क किनारे डीलरों और मैकेनिकों से सीएनजी किट लगवाते हैं.
घटिया क्वालिटी की किट और अनुचित फिटिंग के कारण इसमें रिसाव हो सकता है, जिसके चलते आग लग सकती है.
कुछ लोग आफ्टरमार्केट ऑटो एसेसरीज लगवाते हैं. इस तरह के सामान के क्षतिग्रस्त होने और आग लगने की आशंका होती है.
सीएनजी रिसाव के कई कारण हैं. ईंधन टैंक अधिक भरना, अनुचित फिटिंग और समय के साथ धीरे-धीरे रिसाव शुरू हो जाता है.
रिसाव का सबसे अच्छा समाधान यह है कि इसका तुरंत पता लगाया जाए. ऑफिशियल सर्विस सेंटर पर जाकर इसे सही कराएं.
गैस स्टेशन पर गाड़ी को पूरी तरह से बंद कर दें. जब सीएनजी रिफिलिंग के लिए गैस स्टेशन पर हों तो गाड़ी को पूरी तरह बंद कर दें.
दरअसल, इंजन चालू रहने की वजह से एक छोटी सी भी चिंगारी आग का रूप ले सकते हैं. कभी भी ओवरफिलिंग ना करें.
सीएनजी सिलेंडर टैंक को कभी भी पूरी तरह से न भरें बल्कि इसे 2/3 क्षमता तक ही भरें. ओवरफिलिंग के गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
जब आपका सीएनजी सिलेंडर रिफिल हो रहा हो तो सिलेंडर के प्रेशर पर नजर रखें. इसे 200 बार को पार नहीं करना चाहिए.
कारों की नियमित अंतराल पर जांच कराई चाहिए. पुराने तारों से उनके इन्सुलेशन खोने का एक बड़ा मौका होता है, जिससे शॉर्ट सर्किट होता है.
कार में धूम्रपालन करना, ज्वलशील पदार्थ ले जाना, उसके पास पटाखे जलाना, गाड़ी के हीटर का लंबस यूज भी काफी जोखिम भरा हो सकता है.