24 Feb 2024
भारतीय रेल देश में रह रहे लोगों की लाइफलाइन मानी जाती है. इसमें कई तरह की ट्रेनें होती हैं. आज हम EMU, DEMU, MEMU, ट्राम और मेट्रो ट्रेनों के बीच अंतर जानेंगे.
डेमू और मेमू ट्रेनें स्व-चालित वाहनों की कैटेगरी में आती हैं. इनमें एक अलग इंजन नहीं होता है. ये ट्रेनें छोटी दूरी के लिए डिजाइन की जाती हैं और आमतौर पर ये एक शहर के अंदर या आसपास के शहरों के बीच चलती हैं.
यह ट्रेनें ओवरहेड इलेक्ट्रिक तारों के जरिए बिजली से चलती हैं. इन ट्रेनों में कोचों पर चढ़ने के लिए कोई अलग सीढ़ी नहीं होती. इसमें आमतौर पर तीन कोचों की एक यूनिट होती है और हर एक कोच में बिल्ट-इन-इंजन होता है.
ईएमयू का विकास तब हुआ जब सीढ़ियों को शामिल करने के लिए इसमें संशोधन किए गए. इससे संशोधित ईएमयू यानी एमईएमयू की शुरुआत हुई. MEMU का मतलब मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट है.
डेमू ट्रेनें उन क्षेत्रों में चलाई जाती हैं, जहां बिजली के तार नहीं पहुंच सकते हैं. यह एक प्रकार की मल्टीपल-यूनिट ट्रेन है, जो ऑन-बोर्ड डीजल इंजन द्वारा संचालित होती है.
डीएमयू को एक अलग लोकोमोटिव की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि इसका इंजन गाड़ी में ही लगा होता है. डीजल द्वारा संचालित सिंगल-यूनिट रेल कारों को भी डीएमयू माना जाता है.
ट्राम और मेट्रो शहरों में चलने वाली ट्रेनें हैं. ट्राम आमतौर पर कोलकाता जैसे शहरों में चलती है और इसमें दो कोच होते हैं. ये बिजली से चलने वाला वाहन सड़कों पर बनी पटरियों पर चलता है.
वहीं, मेट्रो ट्रेनें रेपिड ट्रांसिट का एक आधुनिक रूप हैं, जो आमतौर पर दिल्ली, मुंबई और लखनऊ जैसे शहरों में चलती हैं.