सोना खरीदने से पहले यह जरूर जान लें कि उसमें कोई मिलावट तो नहीं है, ज्वेलरी पर सही हॉलमार्क है या नहीं.
जब भी आप सोना खरीदने जाएं याद रहे हमेशा हॉलमार्क वाली ज्वेलरी ही खरीदें. कई तरीकों से ज्वेलरी का हॉलमार्क आइडेंटिफिकेशन किया जाता है.
सोने के सभी कैरेट का हॉलमार्क अलग होता है. मसलन 22 कैरेट पर 916, 21 कैरेट पर 875 और 18 कैरेट पर 750 लिखा होता है.
हॉलमार्क के जरिए हर गोल्ड ज्वेलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) अपने मार्क के द्वारा शुद्धता की गारंटी देता है.
हॉलमार्क के जरिए पता लगाया जा सकता है कि सोने कितना प्योर है, इसमें कितनी मिलावट है.
चार तरीकों से आप पहचान सकते हैं कि ज्वेलरी पर लगा हॉलमार्क असली है या नहीं.
ज्वेलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो का ट्रेडमार्क यानी BSI का लोगो है तो मतलब ज्वेलरी हॉलमार्क की है.
ज्वेलरी की कैरेट या फाइनेंस में प्योरिटी देखी जाती है जैसे 916 लिखा है तो इसका मतलब यह है कि ज्वेलरी 22 कैरेट के गोल्ड (91.6 फीसदी शुद्धता) की है.
ज्वेलरी पर एक विजिबल आइडेंफिकेशन मार्क यानी कि हॉलमार्क सेंटर का नंबर देखकर भी आप ज्वेलरी की पहचान कर सकते हैं.
इसके अलावा हर ज्वेलरी पर एक और विजिबल आइडेंटिफिकेशन मार्क होता है जिससे पता चल जाता है कि ज्वेलरी किसके यहां बनी है.