शादी का सर्टिफिकेट एक कानूनी प्रमाण पत्र है जो अपकी शादी को वैधानिक बनाता है. ये सभी धर्म की शादियों के लिए अनिवार्य है.
इसके लिए विवाहित जोड़े को रजिस्ट्रार के सामने अपनी शादी के कुछ प्रमाण और गवाह प्रस्तुत करने होते हैं और रजिस्ट्रार शादी का सर्टिफिकेट बनाकर सौंपता है.
विवाह के रजिस्ट्रेशन की सुविधा ऑनलाइन भी कर दी गई है. मैरिज सर्टिफिकेट फॉर्म के साथ कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट्स भी अपलोड करने होंगे.
ये डॉक्यूमेंट्स-पति-पत्नी का जन्म प्रमाण पत्र या कक्षा 10वीं का पासिंग सर्टिफिकेट, पति-पत्नी के आधार कार्ड, वर-वधू के पासपोर्ट साइज़ के 4-4 फोटोज़, शादी के 2 फोटोग्राफ जिसमें वर, वधू का चेहरा साफ दिख रहा हो.
शादी के कार्ड का फोटोग्राफ सभी डॉक्यूमेंट्स के साथ वर, वधू को रजिस्ट्रार के सामने उपस्थित होना होगा. मौलवी द्वारा दिया गया निकाहनामा. इसके साथ ही एक गवाह का होना भी अनिवार्य है.
अगर हिंदू मैरिज ऐक्ट के तहत शादी हुई है तो 100 रुपए फीस देनी होगी. वहीं स्पेशल मैरिज ऐक्ट के तहत हुई शादियों के लिए 150 रुपए फीस है.
हिंदू मैरिज हो या मुस्लिम मैरिज हो दोनों ही शादियों के रजिस्ट्रेशन के लिए प्रक्रिया लगभग समान है. मुस्लिम शादियां स्पेशल मैरिज ऐक्ट 1954 के तहत रजिस्टर होती हैं.
हिंदू मैरिज ऐक्ट के तहत एक ही दिन में सारी प्रक्रिया होकर शादी रजिस्टर हो जाती है. वहीं मुस्लिम शादियों के रजिस्ट्रैशन के लिए 30 दिन पहले नोटिस देकर दस्तावेज जमा करने होते हैं.
फिर अगर 30 दिन के अंदर लड़का-लड़की दोनों में किसी की ओर से कोई आपत्ति नहीं दर्ज की जाती, तब 30 दिन बाद शादी मान्य हो जाती और सर्टिफिकेट दे दिया जाता है.