भारतीय रेलवे को देश की लाइफ लाइन कहा जाता है.
देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा रोजाना ट्रेन से यात्रा करता है.
यात्रियों की सुविधाओं को देखते हुए ट्रेन में यात्रा करने के कुछ नियम बनाए गए हैं.
अक्सर, यात्रियों को ये नियम तोड़ते हुए पाया जाता है, जो कि दंडनीय अपराध है.
बता दें कि बिना इमरजेंसी के बेवजह चेन पुलिंग एक दंडनीय अपराध है.
रेलवे अधिनियम की धारा 141 के तहत अगर कोई यात्री बेवजह अलार्म चेन का इस्तेमाल करता है तो उस पर 1,000 रुपये का जुर्माना या एक साल की कैद हो सकती है.
ट्रेन में यदि कोई यात्री मिट्टी का तेल, पेट्रोल, पटाखे और गैस सिलेंडर आदि जैसी ज्वलनशील सामग्री लेकर चलता है इसके लिए भी उसे जेल की हवा खानी पड़ सकती है.
रेल अधिनियम, 1989 की धारा 164 के तहत इस मामले में तीन साल तक की कैद की सजा हो सकती है.