08 July 2024
बारिश के मौसम में करंट लगने की घटनाएं ज्यादा सामने आती हैं. इसे इलेक्ट्रिक शॉक कहते हैं.
बिजली के वायर से या घर में इस्तेमाल होने वाले उपकरण या किसी मशीन से या बिजली कड़कने के कारण जब शरीर में इलेक्ट्रिसिटी प्रवेश करती है, तो उसे इलेक्ट्रिक शॉक कहते है.
अगर घायल व्यक्ति अभी भी करंट के संपर्क में है तो उसे छुएं न, जब तक बिजली ना काटी जाए , तब तक हाई वोल्टेज तारों के करीब ना जाएं.
अगर तारों से स्पार्किंग हो रही है तो उनसे उचित दूरी बनाकर रखें, ओवरहेड बिजली लाइन आमतौर पर इंसुलेटेड नहीं होती है, इसीलिए कम से कम 15 मीटर दूर ही रहें.
संभव हो तो बिजली का सोर्स बंद कर दें, कार्डबोर्ड, प्लास्टिक या सुखी लकड़ी से ही बिजली स्विच को ऑफ करें.
अगर घायल सांस ना ले रहा है, न हिल रहा है, तुरंत CPR शुरू करें.
घायल व्यक्ति को ठंड लगने से बचाएं, घायल के कपड़े ना हटाएं, उसके जले हुए स्थान को साफ भी ना करें.
गंभीर जलन, सांस लेने पर दिक्कत, हार्ट बीट अनियमित होने पर, मांसपेशियों में दर्द और संकुचन या बेहोश होने पर इमरजेंसी नंबर पर कॉल करें.