8 नवंबर की तारीख देश में नोटबंदी जैसे एक बड़े फैसले और उससे आए बदलाव की गवाह है.
साल 2016 में इसी तारीख को आधी रात से 500 और 1000 रुपये के नोट चलन से बाहर कर दिए गए थे.
सरकार के नोटबंदी के फैसले से एक झटके में करीब 15 लाख करोड़ रुपये के नोट बंद हो गए थे.
नोटबंदी के बाद कई महीनों तक अफरा-तफरी मची रही. लोगों के पास नकदी लगातार घटती गई.
4 नवंबर 2016 को 17.97 लाख करोड़ की नकदी थी, जो जनवरी 2017 में घटकर 7.8 लाख करोड़ रुपये रह गई.
देश में धीमे-धीमे 500 और 1000 के नोटों की जगह 2000, 500 और 200 के नए नोटों ने ले ली.
अब फिर कैश किंग बन चुका है. नोटबंदी के छह साल बाद देश में कैश सर्कुलेशन 71.84% बढ़ चुका है.
21 अक्टूबर 2022 तक देश में नकदी बढ़कर 30.88 लाख करोड़ रुपये के नए हाई पर पहुंच गई है.
नोटबंदी के बाद देश में डिजिटल भुगतान में तेजी आने लगी, UPI की शुरुआत भी 2016 में ही हुई थी.
NPCI के मुताबिक, सितंबर 2022 में 11.16 लाख करोड़ रुपये के 678 करोड़ UPI लेन-देन हुए.