कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर बेहद ही गंभीर आरोप लगाए हैं जिससे दोनों देशों के रिश्ते निम्नतम स्तर पर चले गए हैं.
ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में भारत की संलिप्तता के आरोप लगाए हैं जिसे भारत ने खारिज कर दिया है.
इस आरोप को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है. आरोप लगाने से पहले कनाडा ने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर चल रही बातचीत भी रोक दी थी.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि कनाडाई प्रधानमंत्री के आरोप से भारत का तो कुछ नहीं बिगड़ेगा लेकिन कनाडा को व्यापार के मोर्चे पर भारी नुकसान होने वाला है.
व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि कनाडा ने भारत के साथ अपने रिश्ते खराब कर अपने ही पैरों में कुल्हाड़ी मार ली है, अपने व्यापार को भारी नुकसान पहुंचाया है.
कनाडा के अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भारत का अहम हिस्सा है. Statistics Canada के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में कनाडा ने भारत को 5.3 अरब डॉलर का निर्यात किया जो उसके कुल वैश्विक निर्यात का 0.7% था.
वहीं, 2022 में भारत से कनाडा का आयात 8.3 अरब डॉलर था जो उसके कुल आयात का 1.1% था.
कैनेडियन फेडरेशन ऑफ एग्रीकल्चर के अध्यक्ष कीथ क्यूरी ने कहा, 'कनाडा का कृषि क्षेत्र ऐसी प्रार्थना कर रहा है दोनों देशों के बीच का तनाव कम हो और शांति बनी रहे. हम भारत को बहुत से उत्पाद भेजते हैं, देशों के बीच तनाव का कृषि क्षेत्र पर बहुत ज्यादा असर हो सकता है.'
कुछ एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि भारत को कनाडा की उतनी जरूरत नहीं है जितनी कनाडा को भारत की जरूरत है.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि मौजूदा तनाव भारत में कनाडा के निवेश को भी प्रभावित कर सकता है. कनाडा ने भारत के पेंशन फंड में काफी निवेश किया है. भारत ने भी कनाडा की पेंशन फंडों में 55 अरब डॉलर का निवेश किया है.
भारत से बड़ी संख्या में छात्र कनाडा पढ़ने के लिए जाते हैं. साल 2022 में वैध वीजा लेकर कनाडा में पढ़ाई करने गए भारतीय छात्रों की कुल संख्या तीन लाख 19 हजार थी.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि तनाव के कारण कनाडा जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में भी गिरावट आएगी.