अकेले रहने की चाह में हो गई मौत, डायरी से हुआ बड़ा खुलासा

By Aajtak.in

क्रिस्टोफर मैककैंडलेस का जन्म 12 नवंबर 1968 को अमेरिका के कैलिफोर्निया में हुआ था. यहां वह अपने माता-पिता और 6 भाई-बहनों के साथ रहता था.

12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह परिवार के साथ वर्जीनिया शिफ्ट हो गया. फिर एक दिन वह किसी काम से कैलीफौर्निया लौटा.

वहां उसे पता चला कि उसकी एक सौतेली मां भी है जो कि जिंदा है. उसके बावजूद उन्होंने दूसरी शादी की थी. यानी क्रिस्टोफर की मां से.

उसके पिता अभी भी अपनी पहली पत्नी से मिलने जाते हैं, यह जानकर क्रिस्टोफर धक्का लगा. उसने तय किया कि अब वह परिवार के साथ रहेगा ही नहीं.

 क्रिस्टोफर ने पार्ट टाइम जॉब करके जो 19 लाख 86 हजार कमाए थे उन्हें दान कर दिया. फिर निकल पड़ा एक गुमनाम यात्रा पर. दरअसल, वह ऐसी ही जिंदगी जीना चाहता था.

उसने भीख मांग कर अपना गुजारा किया. अब न घर था और न ही पैसा. वह दिन भर कहीं न कहीं घूमता और रात को कहीं भी सो जाता.

ऐसा कर उसने ड़ेढ साल में ढाई हजार किलोमीटर का सफर तय कर लिया. उसने अपना नाम भी लोगों से छुपा कर रखा था. अपना नाम वह लोगों को एलेक्जेंडर बताता था.

ऐसा करते-करते फिर एक दिन किसी से लिफ्ट लेकर वह अलास्का पहुंच गया. वहां वह जहरीले फल और जानवर खाकर रहने लगा जिस कारण उसके शरीर में जहर फैल गया.

जब वह काफी दिन वहां रहते-रहते थक गया तो उसका मन किया कि वह वापस अपने घर लौट जाए. लेकिन वह इतना बीमार हो चुका था कि उसके अंदर इतनी लंबी यात्रा करने की हिम्मत नहीं बची थी.

इस कारण वह वहीं फंस गया. उसकी मदद करने वाला भी कोई नहीं था. दिन बीतते गए और 114वें दिन उसकी बीमारी से मौत हो गई.

दरअसल, जब से अलास्का पहुंचा था तो रोज डायरी में कुछ न कुछ लिखा करता था. इसी से पता लग पाया कि उसकी मौत कब हुई है. क्योंकि 113 वें दिन के बाद डायरी में कोई एंट्री नहीं थी.

बाद में 6 सितंबर 1992 के दिन दो हाइकर्स को उसी जगह एक लावारिस पड़ी बस के अंदर क्रिस्टोफर की डेड बॉडी मिली.

उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी. पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ कि मौत के वक्त वह सिर्फ 27 किलो का था. उसकी मौत जहरीले फल खाने से हुई थी.