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पश्चिम बंगाल: डॉक्टरों के अनशन के 10 दिन, दर्जनों इस्तीफे, आज से देशव्यापी हड़ताल... निशाने पर ममता सरकार

पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर कई डॉक्टर्स पिछले 10 दिनों से कोलकाता और सिलीगुड़ी शहर में ‘आमरण अनशन’ कर रहे हैं. इस दौरान आमरण अनशन पर बैठे तीन डॉक्टरों की हालत ज्यादा बिगड़ गई है जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है.

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बंगाल में डॉक्टर लगातार विरोध प्रदर्श कर रहे हैं (फाइल फोटो)
बंगाल में डॉक्टर लगातार विरोध प्रदर्श कर रहे हैं (फाइल फोटो)

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल की घटना के बाद पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे कई डॉक्टर पिछले 10 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं. इस बीच पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के संघ ने 14 अक्टूबर यानी आज से देशव्यारी हड़ताल की घोषणा की है.

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अखिल भारतीय चिकित्सा संघों के महासंघ (FAIMA) ने कहा है कि वह पश्चिम बंगाल में अपने सहकर्मियों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए 14 अक्टूबर से देशभर में वैकल्पिक चिकित्सा सेवाओं का बहिष्कार करेगा. जूनियर डॉक्टर करीब दो महीने पहले कोलकाता के सरकारी आर. जी.कर चिकित्सा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले में न्याय सहित अन्य मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं.

आमरण अनशन पर बैठे डॉक्टरों की तबियत बिगड़ी
पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर कई डॉक्टर्स पिछले 10 दिनों से कोलकाता और सिलीगुड़ी शहर में ‘आमरण अनशन’ कर रहे हैं. इस दौरान आमरण अनशन पर बैठे तीन डॉक्टरों की हालत ज्यादा बिगड़ गई है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है.  FAIMA के मुताबिक, आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के करीब 50 वरिष्ठ डॉक्टरों और संकाय सदस्यों ने जूनियर डॉक्टरों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है.

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आज से हड़ताल का ऐलान
अखिल भारतीय चिकित्सा संघ के महासंघ ने रविवार को राष्ट्रव्यापी चिकित्सा संघों और रेजिडेंट डॉक्टरों से पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में 14 अक्टूबर से वैकल्पिक सेवाओं का बहिष्कार करने का आह्वान किया है. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा गया, 'हम पश्चिम बंगाल और पूरे देश में सभी स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए कार्रवाई और सुरक्षा की मांग करते हैं. विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, हमने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट होने का समय आ गया है. हमने पिछले पत्र में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को आंदोलन को लेकर अल्टीमेटम दिया था, लेकिन कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं देखी गई. हमें देश भर के सभी आरडीए और मेडिकल एसोसिएशन से अनुरोध करना पड़ा कि वे सोमवार से देश भर में वैकल्पिक सेवाओं को बंद करने के हमारे आह्वान में हमारा साथ दें.'

इस बीच भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने कहा कि देशभर में, आईएमए जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क (जेडीएन) मंगलवार सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक भूख हड़ताल करेंगे. आईएमए ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उनकी मांगें मानने की अपील करते हुए कहा कि  युवा डॉक्टर अपनी वैध मांगों के लिए मौत से लड़ रहे हैं.

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क्या है डॉक्टरों की मांग?
-अस्पतालों के लिए एक सेंट्रलाइज्ड रेफरल सिस्टम बने.
- स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को तत्काल हटाया जाए.
- कार्यस्थलों पर उचित सुविधाएं सुनिश्चित करना और अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाई जाए और टास्क फोर्स का गठन किया जाए.
- बेड वैकेंसी मॉनीटरिंग सिस्टम लागू किया जाए और अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाई जाए.
- स्थायी महिला पुलिस कर्मियों की भर्ती और डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों को तेजी से भरने की भी मांग.

कल्याणी अस्पताल के डॉक्टरों ने दी सामूहिक इस्तीफे की धमकी
वहीं, आरजी कर अस्पताल के पीड़ित के लिए न्याय की मांग कर रहे कल्याणी जेएनएम अस्पताल के 75 से अधिक वरिष्ठ डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफे की धमकी दी है. इन डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे जूनियर डॉक्टरों का समर्थन करते हुए उनके साथ एकजुटता व्यक्त की है. मेडिकल फैसिलिटी के कुल 77 डॉक्टरों ने 14 अक्टूबर से काम बंद करने के अपने फैसले के बारे में ईमेल के माध्यम से पश्चिम बंगाल हेल्थ यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को सूचित कर दिया है.

डॉक्टरों के समर्थन में बीजेपी
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों का पूरा समर्थन करने का वादा करते हुए आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार 16 सितंबर को चिकित्सा प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में हुई बैठक के दौरान बनी सहमति से पीछे हट रही है.

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मजूमदार ने बयान में कहा, ‘भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कनिष्ठ चिकित्सकों को अपना पूरा समर्थन देती है. आर. जी. कर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ हुए जघन्य दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के बाद प्रदर्शनकारी चिकित्सकों की मांगें जायज हैं और उन्हें पूरा किया जाना चाहिए.’

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