पश्चिम बंगाल के 24 परगना में 10 साल की बच्ची के साथ हुए रेप के मामले की जांच करने के लिए ममता बनर्जी सरकार ने मंगलवार को विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया. सरकार द्वारा जारी किए गए एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि एसआईटी का नेतृत्व बारुईपुर एसपी पलाश चंद्र ढाली करेंगे. इसके अलावा ममता सरकार ने कहा है कि हम स्थानीय लोगों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस अपराध में जो भी दोषी हैं, उनको सजा दिलाएंगे. इस मामले की जांच में जुटी पुलिस ने अब तक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.
लोगों में आक्रोश
ये घटना 5 अक्टूबर को 24 परगना में हुई थी, जिसके बाद राज्य में लोगों ने व्यापक तौर पर विरोध प्रदर्शन किया. बच्ची को न्याय दिलाने के लिए लोग सड़कों पर उतर गए. आंदोलनों के दौरान स्थानीय लोगों ने आक्रोश में कई वाहनों में आग लगा दी. इसके अलावा घटना के विरोध में भीड़ ने पुलिस चौकी को भी जला दिया. लड़की का शव एक तालाब में मिलने के बाद स्थानीय लोगों ने इलाके की सड़कों को जाम कर दिया, जिससे आवागमन बाधित हो गया.
परिवार का बयान
इस पूरे मामले पर घर के सदस्यों का भी बयान समाने आया है. पीड़िता की चाची ने कहा कि बच्ची के शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे. 4 अक्तूबर को बच्ची ट्यूशन पढ़ने गई थी लेकिन उसके बाद वो लौटते समय लापता हो गई. इसके बाद बच्ची के पिता ने उसको ढूंढने की बहुत कोशिश की, परंतु जब बच्ची नहीं मिली तब वो पुलिस स्टेशन शिकायत दर्ज करने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत सुनने से इनकार कर दिया और मामले को टालने की कोशिश करने लगे.