बीएसएफ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की विभिन्न बटालियनों के जवानों ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना और नदिया जिले की भारत-बांग्लादेश सीमा पर अवैध घुसपैठ को नाकाम करते हुए विभिन्न अभियानों में 22 बांग्लादेशियों और दो रोहिंग्याओं को बांग्लादेश वापस भेज दिया.
इसके अलावा, उन्होंने तस्करी के कई अन्य प्रयासों को विफल करते हुए 565 बोतल फेंसेडिल, 03 किलोग्राम गांजा और 2900 कुनैन की पट्टी, 700 कुनैन डाइहाइड्रोक्लोराइड के इंजेक्शन और 1200 आर्टेमीथर इंजेक्शन जब्त किए. इसके अलावा, तस्करों के चंगुल से 08 मवेशियों को भी आजाद कराया गया.
जवानों को मिली थी तस्करी की खुफिया जानकारी
जानकारी के अनुसार 11 जनवरी शनिवार को बॉर्डर पोस्ट सी.एस. खाली के क्षेत्र से अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के प्रयास की सूचना मिलने पर सभी नाकों को सतर्क कर दिया गया था. ड्यूटी के दौरान जवानों ने एक तस्कर की संदिग्ध गतिविधि देखी, जिसके पास एक पॉलीथिन बैग था, जो तटबंध से भारतीय सीमा की ओर तेजी से बढ़ रहा था.
बीएसएफ जवान को देखकर भागा तस्कर
बीएसएफ जवान को अपनी ओर आता देख तस्कर घबरा गया और सिर पर रखा बैग फेंककर गांव की तरफ भाग गया. घनी फसलों और कोहरे का फायदा उठाकर वह फरार हो गया. तब तक बोट भी उस जगह पहुंच गई और आसपास के इलाके की तलाशी के दौरान एक पॉलीथिन बैग बरामद हुआ. जब पॉलीथिन बैग को खोला गया तो उसमें से दो कार्टन बरामद हुए, जिनमें भारी मात्रा में अवैध नशीली दवाएं थीं.
घुसपैठ की कोशिश को किया नाकाम
वहीं पश्चिम बंगाल की भारत-बांग्लादेश सीमा पर उत्तर 24 परगना जिले में 20 बांग्लादेशी और 2 रोहिंग्या तथा नादिया जिले में 04 बांग्लादेशी अवैध घुसपैठियों को रोका गया और उन्हें वापस बांग्लादेश भेज दिया गया. पूछताछ के दौरान पता चला कि उनमें से अधिकांश लोग हाउसकीपिंग और मजदूरी के काम के लिए मुंबई, बैंगलोर और हैदराबाद जा रहे थे.
565 बोतल फेंसेडिल जब्त
दूसरी तरफ मालदा जिले की भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात 119वीं बटालियन की बॉर्डर पोस्ट महदीपुर, गोपालनगर, सबदलपुर और नवादा के जवानों ने अपने-अपने जिम्मेदारी वाले क्षेत्रों से 565 बोतल फेंसेडिल जब्त की. इसके अलावा 88वीं बटालियन की सीमा चौकी पन्नापुर के जवानों ने 08 मवेशियों और 115वीं बटालियन के जवानों ने 03 मवेशियों को बचाया.
जब्त माल को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग को सौंप दिया गया है तथा बचाए गए मवेशियों को ई-टैगिंग के बाद ध्यान फाउंडेशन को सौंप दिया जाएगा. दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के पीआरओ ने बताया कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर तस्करी रोकने के लिए बीएसएफ सख्त कदम उठा रही है तथा घुसपैठ की किसी भी कोशिश को विफल करने के लिए सतर्क है.