scorecardresearch
 
Advertisement
विश्व

10 साल से लड़का बनकर रह रही है ये लड़की, ये है मजबूरी

10 साल से लड़का बनकर रह रही है ये लड़की, ये है मजबूरी
  • 1/6
सितारा वफादार नाम की एक अफगान लड़की को उसके परिवार ने एक दशक से अधिक समय तक लड़के के वेश में रखा. दरअसल, उसका कोई भाई नहीं है, जिसके चलते उसके माता-पिता ने उसे बेटे के वेश में रहने के लिए मजबूर किया. (PHOTOS-GETTY IMAGES)
10 साल से लड़का बनकर रह रही है ये लड़की, ये है मजबूरी
  • 2/6
सितारा की पांच बहनें हैं और कोई भाई नहीं है. उसे अफगानिस्तान की 'बाशा पोशी' परंपरा का पालन कराया गया, जिसके तहत किसी लड़की को लड़के के वेश में रखा जाता है जो पितृ प्रधान समाज वाले देश में परिवार में बेटे की भूमिका निभाती है.
10 साल से लड़का बनकर रह रही है ये लड़की, ये है मजबूरी
  • 3/6
अफगानिस्तान के पूर्वी प्रांत नांगरहार स्थित एक गांव में फूस के एक घर में रहने वाली 18 वर्षीय सितारा ने कहा, 'मैंने कभी नहीं सोचा कि मैं एक लड़की हूं.' वह और उसके पिता एक ईंट-भट्ठे पर सप्ताह में 6 दिन बंधुआ मजदूर के रूप में काम करते हैं ताकि परिवार का गुजारा हो सके.'
Advertisement
10 साल से लड़का बनकर रह रही है ये लड़की, ये है मजबूरी
  • 4/6
सितारा ने कहा, 'मेरे पिता हमेशा कहते हैं कि सितारा मेरे बड़े बेटे की तरह है. कभी-कभी मैं उनके बड़े बेटे का फर्ज निभाते हुए अंत्येष्टि कार्यक्रमों में भी जाती हूं.' हालांकि, ज्यादातर लड़कियां तरुणायी शुरू होने पर लड़के की वेश-भूषा रखना बंद कर देती हैं. जबकि कुछ लड़कियां लड़कों की तरह ही आजाद रहने के लिए ऐसा करना जारी रखती हैं.
10 साल से लड़का बनकर रह रही है ये लड़की, ये है मजबूरी
  • 5/6
सितारा ने कहा कि उसने तरुणायी में पहुंचने के बाद भी पुरुषों जैसे वस्त्र पहनने जारी रखे, ताकि ईंट-भट्ठे पर खुद की हिफाजत कर सके. वह एक दिन में करीब 500 ईंट बनाती है जिसके बदले उसे करीब दो डॉलर मिलते हैं.
10 साल से लड़का बनकर रह रही है ये लड़की, ये है मजबूरी
  • 6/6
काबुल विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र के प्राध्यापक बरयालई फितरत ने बताया कि बाशा पोशी परंपरा का पालन मुख्य रूप से अफगानिस्तान के पुरातनपंथी क्षेत्रों में किया जाता है.
Advertisement
Advertisement