पाकिस्तानी के रेगिस्तानी इलाके भी हिंसा से नहीं बच सके, खौफ के साए में यहां की एक शाम.
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिलने वाली सहायता पर निर्भर है.
पाकिस्तान में 50 लाख से अधिक बच्चे स्कूल नहीं जाते जिनमें 63 प्रतिशत लड़कियां शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया.
पाकिस्तान में बच्चों का काम करते दिखना आम है. सबसे बुरी हालत कालीन उद्योग और फुटबॉल उद्योग की है.
आतंकवाद और राजनीतिक उथल-पुथल के कारण आज यह दिवालिया होने के कगार पर आ गया है.
यूनेस्को की ऑल ग्लोबल मानीटरिंग रिपोर्ट के मुताबिक 15 वर्ष से कम आयु की केवल 40 फीसदी लड़कियां साक्षर हैं.
दहशथ के साए में पाकिस्तान के गांव की सुबह.
आतंक के साए में पाक के स्वात वैली में एक मस्तानी शाम की एक मनोरम तस्वीर. यहां तालिबानी अक्सर कुछ ना कुछ मुश्किलें खड़ी करते रहते हैं.
पाकिस्तान में हर साल लगभग 50 से 60 लाख टन प्याज की पैदावार होती है.
आज पाकिस्तान में कृषि सकल घरेलू उत्पाद का मात्र 2 फ़ीसदी हिस्सा है.
पाक की अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान कम होता जा रहा है.
पाक में बढ़ती हिंसा उनकी संवेदना खत्म हो रही है. अगर शहर में बम विस्फोट होता है तो लोग ये नहीं पूछते कि धमाका कहां और कैसे हुआ. लोग ये पूछते हैं कि बम धमाके के कारण कौन-कौन सी सड़कें बंद हैं.
पाक में हाल के सालों में मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य में गिरावट के कारण लोगों की सहनशीलता कम हुई है और लोग हिंसक भी हुए हैं.
आतंकवाद, अराजकता और आत्मघाती हमलों की वजह से पाकिस्तान के लोगों की जिंदगी बेहद खराब हो चुकी है.
पाकिस्तान में 80 लाख बच्चे भुखमरी की स्थिति का सामना कर रहे हैं और 2.3 करोड़ बच्चे बुनियादी शिक्षा हासिल करने से वंचित हैं.
पाकिस्तान में पढ़ाई लिखाई का दुश्मन केवल तालिबान ही नहीं है. सरकार का रवैया भी ठीक नहीं. यूनिसेफ के मुताबिक पाकिस्तान की सरकार जीडीपी का 2.5 प्रतिशत से भी कम हिस्सा शिक्षा के मद में खर्च करती है.
पाकिस्तान के स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि हर साल देश में कुपोषण और अन्य रोगों से साढ़े चार लाख बच्चों की मौत हो जाती है.
आतंकवाद और हिंसा से पाक के सीमांत क्षेत्रों में खेती करना बेहद मुश्किल हुआ.
पाकिस्तान में स्तन कैंसर की वजह दुनिया में सबसे अधिक मौते होती हैं. बीमारी की मुख्य वजह आज की महिलाओं द्वारा अपनाई जा रही गलत जीवनशैली है.
दहशत के साए में पाकिस्तान की खेतों में काम करता एक किसान.
तालिबानी उग्रपंथियों के आत्मघाती हमलों में बहुत से पाकिस्तानी नागरिक मारे गए हैं. अलगाववादी आंदोलन ने पाकिस्तान के अस्तित्व पर ही संकट खडा़ कर दिया है.
पाक में कीमतें आसमान छू रही हैं, बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर पर है और युवाओं की आबादी का बड़ा हिस्सा नौकरी की तलाश में देश छोड़ने की फिराक में है.
पाक में आबादी का बड़ा हिस्सा असुरक्षा की भावना से ग्रस्त है.
पाकिस्तान की बड़ी आबादी निराशा और दूसरी मानसिक बीमारियों से ग्रस्त है. इसकी वजह है आतंकवाद. जानकारों का मानना है कि आतंकवाद और गरीबी से मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा है.
मानसिक कष्ट और सामाजिक भय का महिलाओं पर और भी बुरा असर पड़ा. वे अपनी शादी से खुश नहीं हैं, उनके पति या सास ससुर उनके साथ खराब व्यवहार करते हैं.
स्थिरता और सुरक्षा की भावना देने वाली परिवारिक व्यवस्था बदलते आर्थिक और सामाजिक रुझानों के कारण टूट रही है. इसकी वजह से लोगों के दिमाग में डर भर गया है.
पाकिस्तान के लोग खुद भी भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बातों को गंभीरता से नहीं लेते. समस्या होने पर लोग डॉक्टर के पास जाने के बदले धर्म गुरुओं के पास जाते हैं.
पाकिस्तान की करीब आधी आबादी आतंकवाद, गरीबी और बेरोजगारी की वजह से गंभीर विषाद और दूसरे मानसिक रोगों का शिकार है.
करांची में 15 साल से कम उम्र के 10,000 से ज्यादा बच्चे सड़कों पर जीवन गुजार रहे हैं जबकि 4,500 से ज्यादा सुधार गृहों में कैद हैं.
इस्लामाबाद के बाहरी इलाकों में तापमान गिरकर 17 डिग्री सेल्सियस हो गया है. ऐसे मौसम में भी पानी का इंतजाम करना आसान नहीं. पानी से भरे कंटेनरों को खींच कर ले जाता एक पाक नागरिक.
इस्लामाबाद के बाहरी इलाकों में तापमान गिरकर 17 डिग्री सेल्सियस हो गया है. ऐसे मौसम में भी पानी का इंतजाम करना आसान नहीं. पानी से भरे कंटेनरों को खींच कर ले जाता एक पाक नागरिक.