अफगानिस्तान में तालिबान के राज के बाद वहां आर्ट्स और कल्चर से जुड़ी गतिविधियों से जुड़े लोगों में सन्नाटा छा चुका है. अफगानिस्तान की लोकप्रिय पॉप स्टार अर्याना सईद उन हजारों लोगों में से थीं जो 15 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट से निकलकर विदेश जाना चाहती थीं. सईद की तरह ही लगभग एक लाख अफगानिस्तानी लोग जिनमें म्यूजिशियन्स, आर्टिस्ट्स, पत्रकार, महिला एथलीट्स भी शामिल हैं, वे अफगानिस्तान छोड़ चुके हैं. (फोटो क्रेडिट: aryanasayeedofficial इंस्टाग्राम)
सईद फिलहाल तुर्की में हैं. उन्होंने वाइस वर्ल्ड न्यूज के साथ बातचीत में कहा कि मैंने अपने मंगेतर से कहा था कि अगर मुझे तालिबान घेर लें तो मेरे सिर में गोली मार देना. मैंने सुसाइड बॉम्बिंग देखी है और इसके अलावा कई खतरे देखे है लेकिन मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं जब मैं इस बारे में सोचती हूं कि मेरी क्या हालत होती अगर तालिबान मुझे जिंदा पकड़ लेता. मैं म्यूजिक बनाती हूं. मैं महिलाओं को सपोर्ट करती हूं. मैं तालिबान की मुख्य टारगेट होती. (फोटो क्रेडिट: aryanasayeedofficial इंस्टाग्राम)
सईद अपने मंगेतर के साथ अफगानिस्तान छोड़ गई थीं. उन्होंने कहा कि जब अफगानिस्तान पर तालिबान का राज था, तो कोई म्यूजिक नहीं बजता था. म्यूजिक किसी देश के कल्चर, पहचान और लोगों के बारे में बताता है और मेरे हिसाब से बिना म्यूजिक के कोई भी देश सिर्फ जमीन का टुकड़ा होता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
उन्होंने कहा कि मुझे ये सोचकर बेहद परेशानी होती है कि मेरा देश एक बार फिर उन्हीं हालातों में वापस जाने वाला है. तालिबान ने 1996 से 2001 के बीच म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स को बर्बाद कर दिया था, सीडी और कैसेट को नष्ट कर दिया था और किसी भी तरह के संगीत को गैर-इस्लामी घोषित कर डाला था.(प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
हालांकि पिछले 20 सालों में अफगानिस्तान में पोएट्री, फिल्में, म्यूजिक और आर्ट से जुड़ी गतिविधियों में काफी इजाफा देखने को मिला है. इसके चलते अफगानिस्तान में कई आर्टिस्ट्स सामने आए हैं. अफगानिस्तान के नए दौर के ये लेखक, फिल्ममेकर्स और आर्टिस्ट्स पिछले कुछ समय से अपना काम पब्लिक के साथ शेयर कर रहे थे. हालांकि अब अफगानिस्तान का आर्ट सीन खतरे में है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, तालिबान द्वारा फवाद अंद्राबी नाम के लोकप्रिय सिंगर की मौत के बाद से ही अफगानिस्तान के आर्ट समुदाय में सन्नाटा पसरा हुआ है. इसके अलावा काबुल में मौजूद एक म्यूजिक स्कूल ने भी अपने दरवाजे बंद कर लिए हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, तालिबान ने कुछ समय पहले अफगानिस्तान के लोकप्रिय कॉमेडियन को भी मार डाला था. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
इसके अलावा ऐसी कई खबरें हैं जिनमें सामने आया है कि अफगानिस्तान के आर्टिस्ट्स अपने आर्ट को नष्ट कर रहे हैं. हालांकि सईद का मानना है कि वे अब भी आर्ट बनाना जारी रखेंगी. सईद ने कहा कि अब मेरा बेस इस्तानबुल होगा और मैं म्यूजिक बनाना जारी रखूंगी. मैं तालिबान को लेकर अपनी फीलिंग्स बयान करती रहूंगी. ये बहुत संवेदनशील समय है. ये दुनिया अफगानिस्तान को यूं ही नहीं भुला सकती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)