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विश्व

तालिबान राज की पहली तस्वीर, कॉलेज में लड़के-लड़कियों के बीच लग गया 'पर्दा'

Afghanistan classrooms
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अफगानिस्तान में तालिबान के नियंत्रण के बाद तालिबानी हायर एजुकेशन मिनिस्ट्री का एक आदेश जारी किया गया था जिसमें कहा गया था कि यूनिवर्सिटीज में लड़के और लड़कियों की क्लास अलग-अलग होनी चाहिए और अगर ऐसा मुमकिन नहीं हो पाता है तो बीच में पर्दे लगाना चाहिए. तालिबान की इस फरमान के बाद अफगानिस्तान के एक कॉलेज की तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं. (फोटो क्रेडिट: ट्विटर)

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अफगानिस्तान की न्यूज एजेंसी आमज न्यूज के सोशल मीडिया हैंडल पर अफगानिस्तान के एक कॉलेज से जुड़ी तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिसमें देखा जा सकता है कि लड़के और लड़कियों की क्लास चल रही हैं. हालांकि सबसे चौंकाने वाली चीज वो पर्दा है जो इन छात्रों के बीच देखा जा सकता है. तस्वीर में छात्राओं को अबाया रोब और नकाब में देखा जा सकता है. (फोटो क्रेडिट: ट्विटर)
 

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तालिबान ने अपने फरमान में ये भी लिखा था कि यूनिवर्सिटीज को अपनी सुविधा के हिसाब से छात्राओं के लिए महिला शिक्षकों को भर्ती करने की जरूरत है. ऐसा ना होने पर बुजुर्ग और अच्छे चरित्र वाले पुरुषों को नियुक्त किया जा सकता है. इन तस्वीरों में भी एक प्रोफेसर को पढ़ाते हुए देखा जा सकता है. (फोटो क्रेडिट: ट्विटर)

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बता दें कि तालिबान के फरमान में ये भी कहा गया था कि कॉलेज, यूनिवर्सिटी जैसी जगहों पर पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग एंट्री और एक्जिट होना चाहिए. वहीं, महिलाएं पुरुष छात्रों से 5 मिनट पहले अपना काम निपटा लें ताकि वे पुरुषों से घुलने-मिलने की कोशिश ना करें. इसके अलावा जब तक पुरुष छात्र कैंपस से नहीं निकल जाते, तब तक छात्राओं को वेटिंग रूम में ही रुकना होगा. (फोटो क्रेडिट: ट्विटर)

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गौरतलब है कि तालिबान ने अपने पिछले कार्यकाल में महिलाओं को पढ़ने और नौकरी करने पर ही प्रतिबंध लगा दिया था. इस मामले में एक प्रोफेसर का कहना है कि तालिबान लड़कियों को स्कूल-कॉलेज जाने दे रहे हैं, ये मेरे हिसाब से एक सकारात्मक कदम है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/AP)

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गौरतलब है कि तालिबान ने साल 1996 से 2001 के बीच अफगानिस्तान पर राज किया था और उस दौर में महिलाओं की आजादी और अधिकारों को छीन लिया गया था. यही कारण है कि तालिबान के दूसरे कार्यकाल में महिलाएं काफी डरी हुई हैं. हालांकि तालिबान का कहना है कि वे इस बार सबके अधिकारों की सुरक्षा करेंगे लेकिन इसके बावजूद अफगानिस्तान में डर का माहौल बरकरार है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)

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