अफ्रीका ने करीब तीन दशक तक कैंपेन चलाने के बाद खतरनाक पोलियो वायरस (Wild Poliovirus) को खत्म कर दिया है. एक वक्त ऐसा था जब अफ्रीका में एक साल में 75 हजार बच्चे पोलियो की वजह से पैरालाइज्ड हो जाते थे. अब दुनिया में सिर्फ 2 ही देश बचे हैं जहां पोलियो के मामले अब भी सामने आते हैं.
अब सिर्फ अफगानिस्तान और पाकिस्तान ही ऐसे देश हैं जहा की कम्यूनिटी में पोलियो संक्रमण हो रहा है. इसी महीने यूनिसेफ के दक्षिण एशिया दफ्तर ने कहा था कि कोरोना वायरस की वजह से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के करीब 5 करोड़ बच्चे पोलियो की वैक्सीन लेने से वंचित रह गए.
पाकिस्तान में कोरोना वायरस की वजह से मार्च में पोलियो वैक्सीनेशन पर रोक लगा दी गई थी. इसकी वजह से कई इलाकों में पोलियो के नए मामले भी सामने आने लगे. हालांकि, जुलाई के आखिर में ही दोबारा वैक्सिनेशन कैपेंन शुरू कर दिया गया.
वहीं, अफ्रीका महाद्वीप के पोलियो पर विजय पाने को दुनिया की एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है. पोलियो वायरस जहां कई बार बच्चों को पैरालाइज्ड कर देता है, वहीं कुछ मौकों पर यह वायरस जानलेवा भी बन जाता है.
अफ्रीका में विश्व स्वास्थ्य संगठन की डायरेक्टर मतशिदिसो मोएति ने कहा कि अफ्रीकी बच्चों की आने वाली पीढ़ी पोलियो वायरस से मुक्त होकर जी सकेगी. उन्होंने कहा कि बीते 24 साल में पोलियो से जुड़े 18 लाख पैरालाइसिस के मामलों को रोका गया. हालांकि, अभी भी अफ्रीका में कम खतरनाक पोलियो वायरस मौजूद है जो उन इलाकों में बच्चों को शिकार बना सकता है जहां वैक्सीनेशन पूरी तरह नहीं हुई है.