अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हाल में संपन्न राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप को करारी शिकस्त दी. इस तरह द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद ट्रंप चौथे ऐसे राष्ट्रपति बन गए जो मौजूदा राष्ट्रपति रहते हुए दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव नहीं जीत सके.
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(सभी फोटो गेटी/रायटर्स)
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज एच. डब्ल्यू बुश जिन्हें लोग सीनियर बुश के नाम से जानते हैं, 1992 के राष्ट्रपति चुनावों में अपनी कुर्सी बचाने में नाकाम रहे थे. डेमोक्रेटिक पार्टी के बिल क्लिंटन से उन्हें इस चुनाव में हार मिली थी. हालांकि आठ साल के दो कार्यकाल के बाद क्लिंटन को सीनियर बुश के बेटे जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने ही हार का स्वाद चखाया था. अमेरिका के इतिहास में बुश पिता-पुत्र की जोड़ी दूसरी ऐसी जोड़ी है जिन्होंने राष्ट्रपति पद संभाला है.
सीनियर बुश का कार्यकाल सोवियत संघ के विघटन के साथ ही शीत युुद्ध की समाप्ति के लिए याद किया जाता है.
मानवधिकार कार्याें के लिए जीवन समर्पित करने वाले नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिम्मी कार्टर भी लगातार दूसरी बार अपनी गद्दी बचाने में नाकाम रहे थे. 1980 के चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार रोनाल्ड रीगन से उन्हें भारी हार का सामना करना पड़ा. उन्हें मात्र 49 इलेक्ट्रोरल वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंदी रीगन को 489.
कार्टर का कार्यकाल पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (मुख्य चीन) को मान्यता देने, इस्राइल और मिस्र के बीच शांति समझौता कराने के लिए जाना जाता है.
वाटरगेट स्कैंडल में नाम आने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को गद्दी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा. इसके बाद गेराल्ड फोर्ड अमेरिका के 38वें राष्ट्रपति बने. राष्ट्रपति चुनाव लड़े बिना प्रेसिडेंट बनने वाले गेराल्ड फोर्ड को 1976 के राष्ट्रपति चुनावों में जिम्मी कार्टर से शिकस्त मिली.
द्वितीय विश्वयुद्ध से पहले 1930 के दौर में आई महामंदी से अमेरिका और दुनिया को बाहर निकालने वाले 32वें राष्ट्रपति फ्रेंकलिन डी.रुजवेल्ट ने चार राष्ट्रपति चुनावों में विजय दर्ज की. वर्ष 1945 में अपनी मृत्यु तक वह इसी पद पर बने रहे. अमेरिका के इतिहास में इतने लंबे समय तक राष्ट्रपति पद पर रहने वाले वह इकलौते व्यक्ति हैं.