काबुल एयरपोर्ट पर बम ब्लास्ट (Kabul Airport Bomb Blast) के बाद ISIS-K के ठिकानों पर अमेरिका (America) ने ड्रोन हमला (Drone Attack) कर साजिशकर्ताओं को ढेर कर दिया. इस ड्रोन हमले के समय दो आतंकी ऑटो रिक्शा पर सवार थे. (फ़ाइल फोटो)
अमेरिकी सेना ने कहा है कि ड्रोन हमले में ये आतंकवादी तुरंत मारे गए जबकि उनका एक सहयोगी घायल हो गया. ये हमला पाकिस्तान (Pakistan) सीमा के पास नंगरहार प्रांत के सुदूर शहर जलालाबाद (Jalalabad, Nangarhar) में किया गया था.
(फ़ाइल फोटो- गेटी)
बताया गया कि जिन लोगों ने काबुल एयरपोर्ट पर ब्लास्ट की साजिश रची थी, वे एक तिपहिया वाहन (ऑटो रिक्शा) के पीछे बैठे थे. इसी दौरान उनपर MQ-9 रीपर ड्रोन (MQ-9 Reaper Drone) से मिसाइल हमला किया गया, जिसमें में वे ढेर हो गए. (फोटो- एपी)
पेंटागन के रक्षा प्रमुख ने मारे गए आतंकवादियों के नाम जारी करने से इनकार कर दिया. लेकिन ऐसा माना जाता है कि वे काबुल एयरपोर्ट पर और हमलों की योजना बना रहे थे, जहां पिछले गुरुवार को एक आत्मघाती बम विस्फोट में 170 से अधिक लोग मारे गए थे. (फ़ाइल फोटो- गेटी)
काबुल एयरपोर्ट पर हमले की साजिश इस्लामिक स्टेट इन खुरासान प्रांत (ISIS-K) के नेतृत्व में की गई थी, जो इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह की दक्षिण एशियाई शाखा है. इसी ने जून 2014 में सीरिया में खिलाफत सिस्टम की घोषणा की थी. (फोटो- गेटी)
विशेषज्ञों के अनुसार, ISIS-K सीरिया या उसके किसी भी सहयोगी में IS से कहीं अधिक क्रूर है. इसने अफगानिस्तान में स्कूलों और कमजोर अल्पसंख्यक समूहों समेत कई लोगों को निशाना बनाया है. 2015 में इसकी स्थापना के बाद से हजारों लोग मारे गए हैं. (फोटो- गेटी)
सोशल मीडिया पर जले हुए टुक-टुक (ऑटो रिक्शा) की तस्वीरें सामने आईं. जिसमें वो कम से कम 4 फीट गहरे गड्ढे के बगल में पड़ा हुआ देखा जा सकता है. वहीं जलालाबाद के निवासियों ने कहा कि उन्होंने शनिवार की आधी रात को कम से कम तीन जोरदार धमाकों की आवाज सुनी थी, इसमें कई अन्य भी मारे गए.
(फोटो- गेटी)
गौरतलब है कि ड्रोन हमले का आदेश तब दिया गया था जब अमेरिकी प्रेसीडेंट जो बिडेन ने कहा था कि एयरपोर्ट पर हमले के लिए त्वरित प्रतिक्रिया होगी, जिसमें 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने कल रात फिर चेतावनी दी कि काबुल एयरपोर्ट पर और हमले हो सकते हैं. (फोटो- एपी)