चीन में तिब्बत की सीमा पर स्थित गांसू प्रांत के मिनजियान और झांगजियान में आज आए 6.6 और 5.6 तीव्रता के भूकंपों में करीब 90 लोगों की मौत हो गई और 500 से ज्यादा लोग घायल हो गए.
इस प्राकृतिक आपदा में 20 हजार से ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं और जगह-जगह भूस्खलन हो रहे हैं.
प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता चांग झेंगगुओ ने बताया कि भूकंप के बाद करीब 400 से ज्यादा झटके महसूस हुए. उनमें सबसे तेज झटके की तीव्रता 5.6 मापी गई.
सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ के मुताबिक, मृतकों की संख्या बढ़कर 89 पहुंच गई है.
दिंग्शी निकाय सरकार ने कहा कि ताजा आंकड़ों के मुताबिक, दिंग्शी शहर में 87 लोगों की मौत हुई है, जबकि उसके पड़ोसी शहर लोंगनान में दो लोगों की जान गई.
मिनजियान में सबसे ज्यादा लोगों की मौत हुई है. वहां 87 लोग मारे गए हैं, पांच लापता हैं और 515 घायल हैं. घायलों में 60 लोगों की हालत गंभीर बतायी जा रही है.
शुरुआती सूचनाओं के अनुसार, भूकंप में 12 सौ से ज्यादा मकान गिर गए हैं और 21 हजार से ज्यादा मकानों को गंभीर नुकसान पहुंचा है. राहत कार्य के लिए तीन हजार से ज्यादा अग्निशमन दल के कर्मचारी, हथियारबंद पुलिस, सैनिक और स्थानीय सरकार के कर्मी लगाए गए हैं.
भूकंप के बाद आ रहे झटकों और छोटे भूस्खलनों के बाद पहाड़ों के गिर रहे बड़े पत्थरों के कारण राहतकर्मियों के लिए प्रभावित इलाकों में पहुंचना मुश्किल और खतरनाक हो रहा है.
शिन्हुआ की खबर के अनुसार, मिनजियान काउंटी के मेईछुआन टाउनशिप में भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित गांवों में ज्यादातर मकान मलबे में बदल गए हैं और बाकियों की दीवारों में दरारें पड़ गई हैं.
टाउनशिप के मजीआगु गांव के 40 वर्षीय किसान झु वेंनछिन ने बताया कि उनका घर भूकंप के पहले झटके को तो झेल गया, लेकिन उसके बाद आ रहे झटकों में से 7 या 8 झटकों के बाद वह गिर गया.
राहतकर्मियों के अनुसार, मेईछुआन से अभी तक 31 लोगों के मरने की सूचना मिली है. भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य में मदद के लिए दो हेलीकॉप्टर, तीन हजार से ज्यादा अग्निशमन दल के कर्मचारी, स्थानीय मिलिशिया के सदस्यों और स्थानीय सरकार के कर्मी लगाए गए हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि ज्यादातर पीड़ित बुजुर्ग या बच्चे हैं, जो जान बचाने के लिए भाग नहीं सके. राष्ट्रपति शि चिनफिंग ने बचाव कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है और ‘जीवन बचाने’ को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा है.