भारत से अपने वतन लौटने की कोशिश करने वाले ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों पर रोक लगाने और जेल की सजा, जुर्माने का प्रावधान करने वाले ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के फैसले को लेकर विवाद छिड़ गया है. प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने हालांकि अपने निर्णय का बचाव किया है और कहा है कि यह देश के सर्वोत्तम हित में है. यह कोरोना वायरस की तीसरी लहर को रोकेगा.
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ऑस्ट्रेलिया में विपक्ष के नेता एंथोनी अल्बानी ने अपने देश के लोगों को भारत में छोड़ने और वापस आने पर जुर्माने व जेल की सजा देने के लिए प्रधानमंत्री की आलोचना की है.
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असल में, ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने इतिहास में पहली बार अपने उन नागरिकों के देश लौटने पर हाल में रोक लगा दी है जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया वापस आने से पहले भारत में 14 दिन बिताए हैं. सरकार ने चेतावनी दी है कि ऐसे लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा और पांच साल तक की जेल की सजा या 66,000 ऑट्रेलियाई डॉलर का जुर्माना लगाया जाएगा.
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इस फैसले को लेकर जहां कमेंटेटर के तौर पर भारत में IPL में हिस्सा लेने आए माइकल स्लेटर ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन को आड़े हाथों लिया है. वहीं ऑस्ट्रेलिया में पीएम के इस फैसले को कुछ वकील कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं. स्कॉट मॉरिसन के फैसले से ऑस्ट्रेलिया के कई नागरिक भारत में फंस गए हैं. भारत में अपने घर के सदस्यों को लेकर कई ऑस्ट्रेलियाई परिवार चिंतित हैं.
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द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में करीब 9 हजार ऑस्ट्रेलियाई नागरिक फंसे हुए हैं. भारत में कोरोना की दूसरी लहर के चलते स्थिति बद से बदतर हो गई है. भारत में अब तक कोरोना की चपेट में आने से 222,408 लोगों की जान जा चुकी है. कोरोना की विकट स्थिति को लेकर ऑस्ट्रेलिया के वे लोग बेहद चिंतित हैं जिनके पारिवार के सदस्य भारत में फंस गए हैं.
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नरिता नागिन नाम की एक महिला ने गार्डियन से कहा, मेरे ऑस्ट्रेलियाई पति भारत में फंसे हुए हैं. मैं सिर्फ इतना जानना चाहती हूं कि क्या वह घर लौट सकेंगे. उन्होंने कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया सरकार के कड़े फैसले से इतनी दुखी हैं वो रातभर अपने पति के बारे में सोचकर रोती रहीं.
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My Australian husband is stuck in India. All I want is to know he can come home | Narita Nagin https://t.co/9nqwTb8U1j
— The Guardian (@guardian) May 3, 2021
नरिता नागिन ने कहा कि उनके पति को सरकार ने ही भारत जाने की परमिशन दी थी लेकिन वो भारत में फंस गए हैं. नरिता के पति कैंसर से पीड़ित अपनी मां का इलाज कराने के लिए भारत आए हुए हैं. नरिता कहती हैं कि भारत में ऑक्सीजन की कमी, अस्पतालों में बेड की कमी और सड़कों पर मरते कोरोना पीड़ितों की कहानियां सुन-सुनकर भयभीत हूं.
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ऑस्ट्रेलियाई पीएम भले ही अपने देश के नागरिकों की सुरक्षा का हवाला देते हुए फैसले को जायज ठहरा रहा रहे हों, लेकिन देश के अधिकतर नागरिक इस फैसले के पक्ष में नहीं हैं. नागरिकों का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य से समझौता नहीं किया जा सकता है लेकिन भारत से आने वाले ऑस्ट्रेलिया के लोगों पर पाबंदी लगाना देश के क्वारनटीन सिस्टम को लेकर कम आत्मविश्वास को दर्शाता है.
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पेशे से वकील नरिता नागिन कहती है कि भारत से ऑस्ट्रेलिया आने पर बैन का फैसला बताता है कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार क्वारनटीन सिस्टम की अपनी व्यवस्था को लेकर आश्वस्त नहीं है. उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा ऑस्ट्रेलियाई लोगों को गर्मजोशी से भरा, खुला और समावेशी पाया है. यह पहली बार है जब मुझे अपने घर के रूप में ऑस्ट्रेलिया को चुनने में पछतावा हो रहा है.
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वहीं क्रिकेटर से कमेंटेटर बने माइकल स्लेटर ने मॉरिसन की जमकर आलोचना करते हुए इसे अपमानजनक बताया. ऑस्ट्रेलिया सरकार ने कहा है कि आईपीएल से जुड़े ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को खुद कोई इंतजाम करना होगा.
If our Government cared for the safety of Aussies they would allow us to get home. It's a disgrace!! Blood on your hands PM. How dare you treat us like this. How about you sort out quarantine system. I had government permission to work on the IPL but I now have government neglect
— Michael Slater (@mj_slats) May 3, 2021
माइकल स्लेटर ने ट्वीट किया, 'यदि हमारी सरकार को ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों की सुरक्षा की परवाह है तो वह हमें स्वदेश लौटने की अनुमति देगी. यह अपमानजनक है. किसी भी अनहोनी के लिए आप जिम्मेदार होंगे प्रधानमंत्री. हमारे साथ ऐसा व्यवहार करने का आपने साहस कैसा किया. आप कैसे क्वारनटीन सिस्टम को सुलझाते हैं. मुझे आईपीएल में काम करने के लिए सरकार ने अनुमति दी थी और अब सरकार नजरअंदाज कर रही है.'
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And for those who think this is a money exercise. Well forget it. This is what I do for a living and I have not made a penny having left early. So please stop the abuse and think of the thousands dying in India each day. It's called empathy. If only our government had some!
— Michael Slater (@mj_slats) May 3, 2021
उम्मीद की जा रही है कि कुछ वकील पीएम के फैसले के खिलाफ कोर्ट जा सकते हैं. लेकिन ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट ने प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के फैसले को कानून के दायरे में लिया गया फैसला बताया है. जबकि मॉरिसन ने कहा कि यह एक अस्थायी व्यवस्था है और बहुत मुश्किल फैसला है. उन्होंने कहा, यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि हमारे यहां ऑस्ट्रेलिया में (कोरोना) की तीसरी लहर ना आए और हमारा क्वारनटीन सिस्टम मजबूत बना रहे.
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प्रधानमंत्री मॉरिसन ने कहा कि उन्हें भारतीय समुदाय के लिए खराब महसूस होता है. उन्होंने कहा कि हमने अपने होवर्ड स्प्रींग्स केंद्र में भारत से वापस आने वालों में संक्रमण दर में सात गुना का इजाफा देखा है. यह अहम है कि हम सुनिश्चित करें कि हमारे यहां अस्थायी रोक हो ताकि उन क्वारनटीन सेंटर्स में व्यवस्थाओं को मजबूत किया जा सके और जांच की व्यवस्था को भी मजबूत किया जा सके और यह न सिर्फ भारत से रवाना होने वालों के लिए हो, बल्कि तीसरे देश से आने वाले लोगों के लिए भी हो.
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