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विश्व

पाकिस्तान जिसके लिए बेकरार, उसे ऑस्ट्रेलिया ने ठुकराया, गुस्से में चीन

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चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना बेल्ट ऐंड रोड के तहत पाकिस्तान में बड़े पैमानों पर सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है. चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर के तहत कई बांध और बिजली परियोजनाओं पर भी काम शुरू हो रहा है. हालांकि, पाकिस्तान जहां चीन की इस योजना को लेकर बेहद उत्साहित है, वहीं तमाम देश इसे कर्ज का जाल बता रहे हैं. अब ऑस्ट्रेलिया ने भी चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव से जुड़े दो समझौतों को रद्द कर दिया है.

ऑस्ट्रेलिया ने इस फैसले को राष्ट्रीय हित में बताया है. ये दोनों समझौते चीन और ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया प्रांत के बीच हुए थे. ऑस्ट्रेलिया की सरकार को यह वीटो पावर मिला हुआ है कि वो किसी प्रांत के साथ हुए किसी समझौते को रद्द कर सकती है.  (फाइल फोटो-Getty Images)

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बहरहाल, जिन दो समझौतों को रद्द किया गया है, उनमें चीनी कंपनियां ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया प्रांत में दो बिल्डिंग इंफ्रास्ट्रक्टर को तैयार करने वाली थीं. इस बीच, चीनी दूतावास ने विक्टोरिया प्रांत में दो फ्रेमवर्क समझौतों को रद्द करने को "भड़काने वाला" बताते हुए इसकी आलोचना की और कहा है कि यह ऑस्ट्रेलिया के साथ संबंधों को और नुकसान पहुंचाएगा. (फाइल फोटो-AP)

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रॉयटर्स के मुताबिक, ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मेराइस पेन ने गुरुवार को रेडियो पर इसका ऐलान किया. मेराइस पेन का कहना है कि यह फैसला विदेशी संबंधों में स्थिरता स्थापित करने के लिए लिया गया है, कोई देश इसका निशाना नहीं है.  (फाइल फोटो-Getty Images)

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ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मेराइस पेन ने कहा कि कई प्रांतों के साथ बाहरी देशों की सरकारों के साथ हुए करारों को लेकर इस संबंध में उन्हें जानकारी मिली थी. नई प्रक्रिया के तहत उन्हें इसके लिए वीटो मिला हुआ है. (फाइल फोटो-Getty Images)

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एबीसी रेडियो से बातचीत में मेराइस पेन ने कहा, 'यह योजना ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय हितों से जुड़ी है. यह ऑस्ट्रेलिया में हमारे विदेशों रिश्तों में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए है. इसका मकसद किसी खास देश को निशाना बनाना नहीं है.' (फाइल फोटो-Getty Images)

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दो समझौतों को रद्द करने के फैसले के सार्वजनिक होने से पहले ही बीजिंग ने अपनी आपत्ति जता दी. ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री ने कहा कि उनका देश चीन के साथ अपने द्विपक्षीय रिश्तों को लेकर प्रतिबद्ध है, और दुनियाभर के देशों से अनुरोध है कि वे अपनी सरकार के फैसले लेने वाले अथॉरिटी का सम्मान करें.(फाइल फोटो-Getty Images) 

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ऑस्ट्रेलिया की कंजर्वेटिव गठबंधन सरकार ने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव पर चीन के साथ एक राष्ट्रीय-स्तर के समझौता ज्ञापन पर सहमत होने से इनकार कर दिया था. लेकिन विक्टोरिया प्रांत के लेबर स्टेट प्रीमियर डेन एंड्र्यू ने 2018-2019 में चीन के नेशनल डेवेलपमेंट एंड रिफॉर्म कमीशन के साथ करार किया था. उनकी दलील थी कि इस करार से विक्टोरिया प्रांत में चीन से निवेश आएगा. (फाइल फोटो-Getty Images)

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असल में, ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच कूटनीतिक रिश्ते तब तेजी से बिगड़ने लगे जब कैनबरा ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की थी. दोनों देशों के बीच तनाव की शुरुआत 2018 में उस समय हुई थी जब ऑस्ट्रेलिया ने चीन की टेक कंपनी हुआवेई पर 5जी नेटवर्क के लिए पाबंदी लगा दी थी. (फाइल फोटो-AP) 

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फिलहाल, चीनी दूतावास ने इस पूरे घटनाक्रम पर नाराजगी जाहिर की है. चीनी दूतावास ने बयान जारी करके कहा है कि चीन के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की तरफ से उठाया गया एक और अनुचित और उत्तेजक कदम है. (फाइल फोटो-Getty Images)

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चीनी दूतावास के एक सीनियर अधिकारी ने 2018 में अपने 5जी नेटवर्क वाले चीनी दूरसंचार कंपनी हुआवेई को प्रतिबंधित करने के ऑस्ट्रेलिया के कदम की आलोचना की. चीन का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया ऐसा करने वाला पहला देश था. चीन का आरोप है कि ऑस्ट्रेलिया ने कोई भी कदम उठाने से पहले नियमों का पालन नहीं किया. (फाइल फोटो-Getty Images)

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बता दें कि बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव अथवा वन बेल्ट, वन रोड (OBOR) चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना है. चीन इस प्रोजेक्ट को सिल्क रूट का आधुनिक रूप बताता रहा है. चीन सिल्क रूट की तर्ज पर पूरी दुनिया में सड़क, रेलवे लाइन और समुद्री रास्तों का जाल बिछाना चाहता है, ताकि वह पूरी दुनिया के साथ कारोबार कर सके. (फाइल फोटो-Getty Images)

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