कोरोना वायरस की महामारी के बीच श्रीलंका एक अलग मुसीबत में फंस गया है. श्रीलंका के समुद्री तट पर एक पोत में आग लगने से एसिड की बारिश का खतरा पैदा हो गया है. पिछले हफ्ते कोलंबो तट पर सिंगापुर के झंडे वाले एक जहाज में आग लग गई थी. इसे लेकर श्रीलंका की शीर्ष पर्यावरण संस्था ने आगाह किया कि इससे निकलने वाले नाइट्रोजन डाइऑक्साइड गैस के चलते एसिड की बारिश हो सकती है. भारत इससे संकट से निकलने में श्रीलंका की मदद कर रहा है.
(फोटो-AP)
श्रीलंका की शीर्ष पर्यावरण संस्था ने कहा कि पिछले हफ्ते कोलंबो तट पर जिस पोत में आग लगी थी, उससे नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन के कारण एसिड की बारिश हो सकती है. पर्यावरण संस्था ने लोगों को खराब मौसम के मामले में सर्तक रहने को कहा है. बताया जा रहा है कि पोत पर 325 मिट्रिक ईंधन लदा हुआ था. एक्स-प्रेस पर्ल 1,486 कंटेनरों से लदे हुए थे जिसमें लगभग 25 टन खतरनाक नाइट्रिक एसिड था.
(फोटो-AP)
मालवाहक जहाज एमवी 'एक्स-प्रेस पर्ल' गुजरात के हजीरा से कोलंबो बंदरगाह पर रसायन और कॉस्मेटिक्स के लिए आवश्यक कच्चा सामान लेकर आ रहा था. यह आग 20 मई को तब लगी जब जहाज कोलंबो से करीब 18 किलोमीटर दूर उत्तर पश्चिम में था और बंदरगाह में प्रवेश का इंतजार कर रहा था.
(फोटो-AP)
एक्स-प्रेस पर्ल के टैंकों में 325 मीट्रिक टन ईंधन के अलावा 25 टन हानिकारक नाइट्रिक एसिड भी था. एक समाचार वेबसाइट ने शुक्रवार को समुद्री पर्यावरण सुरक्षा प्राधिकरण (एमईपीए) के अध्यक्ष धर्शानी लहंदापुरा के हवाले से बताया, 'हमने देखा कि एमवी एक्स-प्रेस पर्ल से नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन काफी ज्यादा हो रहा है. बारिश के मौसम में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड गैस के उत्सर्जन से थोड़ी एसिड की वर्षा हो सकती है.'
(फोटो-AP)
एक समाचार एजेंसी के मुताबिक समुद्री पर्यावरण सुरक्षा प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया, खासतौर से तटीय क्षेत्र के नजदीक रहने वाले लोगों को सतर्क रहना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे इन दिनों में बारिश की चपेट में न आए.
(फोटो-AP)
समुद्री पर्यावरण सुरक्षा प्राधिकरण ने कहा कि आग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है. मालवाहक जहाज में आग के कारण प्रदूषण फैलने के खतरे से बचने के लिए जल्द से जल्द समुद्री तटों को साफ करने के लिए सभी उचित कदम उठाया जा रहा है.
(फोटो-AP)
इस बीच, नौसेना कमांडर निशांत उलुगेतेने ने शुक्रवार को कहा कि जहाज के दो हिस्सों में टूटने का कोई खतरा नहीं है. यह जहाज अब स्थिर है. आग लगने की सूचना मिलने के बाद जहाज के भारतीय, चीनी, फिलीपीन और रूस की नागरिकता वाले चालक दल के सभी 25 सदस्यों को मंगलवार को बचा लिया गया था.
(फोटो-AP)
धर्शानी लहंदापुरा ने बताया कि आग की लपटे धीरे-धीरे कम हो रही हैं. दो बोट अब भी आग पर काबू पाने के काम में लगी हुई हैं. भारतीय तटरक्षक बल के जहाज और श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण और श्रीलंका नौसेना की नावें स्थिति की निगरानी कर रही हैं. श्रीलंका के अधिकारियों ने बताया कि स्थिति पर करीब से नजर रखी जा रही है और तेल रिसाव को कोई संकेत नहीं मिला है.
(फोटो-AP)
भारत ने मंगलवार को कंटेनर जहाज पर लगी आग को बुझाने में श्रीलंकाई नौसेना की मदद करने के लिए आईसीजी वैभव, आईसीजी डोर्नियर और टग वाटर लिली को रवाना किया था.
(फोटो-AP)
कोलंब गजट की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदूषण से निपटने में दक्ष भारत का विशेष पोत 'समुद्र प्रहरी' शनिवार को कोलंबो पहुंचेगा ताकि जहाज पर लगी आगे चलते होने वाले पोल्यूशन से निपटा जा सके.
(फोटो-AP)
संयुक्त अग्निशमन प्रयासों की नई जानकारी देते हुए कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने बताया कि फिलहाल जहाज के पिछले हिस्से में भारी धुआं देखा गया है. इससे निपटा जा रहा है. कुलमिलाकर बताया जा रहा है कि एमवी एक्स-प्रेस पर्ल पर स्थिति काबू में है और इससे कोई खतरा नहीं है. लेकिन स्थिति का मूल्यांकन किया जा रहा है.
(फोटो-AP)
अधिकारियों ने बताया कि फोम का उपयोग करके आगू पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है. पोत को समुद्र के पानी से ठंडा करने की कोशिश की जा रही है. जहाज में मौजूद खतरनाक और हानिकारक पदार्थों की निरंतर निगरानी जारी है.
(फोटो-AP)
भारतीय मिशन ने बताया, 'जहाज पर ज्वलनशील सामग्री की मात्रा सीमित होने का अनुमान है. भारतीय आईसीजी पोत स्थिति का आकलन करना जारी रखेंगे और जहाज पर चढ़ने या उसके करीब पहुंचने का फैसला पूरी तरह से आग पर काबू पाने और पोत को ठंडा करने के बाद लिया जाएगा.' भारतीय उच्चायोग ने कहा कि पोत से गिरने वाले कंटेनरों की पहचान कर ली गई है और नेविगेशन सुरक्षा के लिए खतरे का आकलन पहले ही किया जा चुका है. इसे संबंधित श्रीलंकाई अधिकारियों के साथ साझा किया जा चुका है. इस बीच, नौसेना कमांडर निशांत उलुगेटन ने शुक्रवार को कहा कि पोत के दो भागों में बंटने का कोई खतरा नहीं है और जहाज अब काफी हद तक स्थिर है.
(फोटो-AP)