अफ्रीकी देश चाड के राष्ट्रपति इदरिस डेबी इतनो की हत्या कर दी गई है. तीन दशकों से अधिक समय तक चाड के राष्ट्रपति रहे इदरिस डेबी की हत्या उस समय की गई जब वे खुद जंग के मैदान में उतर पड़े.
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समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, चाड की सेना ने राष्ट्रीय टेलीविजन और रेडियो पर उनके निधन की घोषणा मंगलवार को की है. राष्ट्रीय टीवी के मुताबिक विद्रोहियों के हमले के बाद जवाबी कार्रवाई में सेना का नेतृत्व करते हुए राष्ट्रपति इदरिस बुरी तरह से घायल हो गए थे, इसके बाद उनका निधन हो गया.
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राष्ट्रपति इदरिस तीन दशकों से अधिक समय से इस मध्य अफ्रीकी देश के राष्ट्रपति थे. हाल ही में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव में इदरिस छठी बार देश के राष्ट्रपति चुने गए थे. राष्ट्रपति की मौत के बाद डेबी के 37 वर्षीय पुत्र महामत इदरिस डेबी इतनो अब 18 महीने के संक्रमणकालीन परिषद का नेतृत्व करेंगे.
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सेना ने बताया कि देशभर में शाम 6 बजे से नाइट कर्फ्यू लगाने की घोषणा की गई है. डेबी की किन परिस्थितियों में मौत हुई, उसकी फिलहाल विस्तृत रूप से जानकारी नहीं दी गई है. लेकिन विद्रोहियों के खिलाफ जिस इलाके में संघर्ष चल रहा था राष्ट्रपति इदरिस उसी इलाके में घायल हुए थे, उन पर वहीं आक्रमण हुआ है.
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चाड में जारी है विद्रोही संघर्ष: सेना के पूर्व कमांडर-इन-चीफ डेबी 1990 में सत्ता में आए जब विद्रोही बलों ने तत्कालीन राष्ट्रपति हिसेन हबरे को पद से हटा दिया था. बाद में उन्हें सेनेगल में अंतरराष्ट्रीय अधिकरण ने मानवाधिकारों के उल्लंघन का दोषी ठहराया था. डेबी ने कई सशस्त्र विद्रोह का सामना किया लेकिन उससे पार पाकर सत्ता में बने रहे.
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हाल के दिनों में उनके खिलाफ बगावत उभरी, जिसका नेतृत्व खुद को ‘फ्रंट फॉर चेंज’ और ‘कॉन्कॉर्ड इन चाड’ बताने वाला समूह कर रहा है. रिपोर्ट्स के अनुसार विद्रोही हथियारबंद थे और उन्हें पड़ोसी लीबिया में प्रशिक्षण मिला था. उसके बाद वे 11 अप्रैल को उत्तरी चाड में घुसे थे. इसी दिन चाड में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव भी था. इस चुनाव में डेबी का कई शीर्ष विपक्षी उम्मीदवारों ने बहिष्कार किया था.
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हालांकि, राष्ट्रपति इदरिस जीत चुके थे. उनकी मौत की खबर राष्ट्रपति चुनाव में जीत के कुछ ही घंटे बाद ही आई है. इस चुनाव में जीत से उनका और 6 वर्षों के लिए सत्ता में बने रहने का मार्ग प्रशस्त हो गया था. लेकिन अब उनकी मौत के बाद ऐसा नहीं हो सका.
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डेबी अफ्रीका में इस्लामी चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई में फ्रांस के बड़े सहयोगी थे. वे उत्तरी माली में शांति के प्रयास में महत्वपूर्ण सैनिकों की आपूर्ति करते थे. डेबी के बेटे महामत चाड के बल के शीर्ष कमांडर रह चुके हैं.
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बता दें कि चाड पर विद्रोहियों का खतरा तब और मंडराने लगा जब चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में विद्रोही गुट हथियार लेकर देश की राजधानी एनजामिना की ओर बढ़ गए. यहां तक कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने चाड में अपने दूतावास में कार्यरत सभी गैर जरूरी राजनयिकों को देश छोड़ने को कहा था.
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बोको हराम के वर्चस्व वाले इलाके: हाल ही के दिनों में चाड में पड़ोसी देशों सूडान, नाइजीरिया और सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक से बड़ी संख्या में शरणार्थियों ने शरण ली है. इसके अलावा चाड के नागरिकों को भी अपना घर छोड़ना पड़ा है. खासतौर से उन इलाकों से लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है, जहां बोको हराम का वर्चस्व है.
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