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विश्व

कोरोना वायरस पर चीन का विरोध कर सजा भुगत रहा है ऑस्ट्रेलिया!

कोरोना वायरस पर चीन का विरोध कर सजा भुगत रहा है ऑस्ट्रेलिया!
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ऑस्ट्रेलिया की कोरोना वायरस महामारी की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग को लेकर चीन ने व्यापार को हथियार बनाना शुरू कर दिया है. ऑस्ट्रेलिया को महामारी की जांच कराने को लेकर धमकी देने के कुछ दिनों के भीतर ही चीन ने वहां के उद्योगों को तगड़ा झटका दिया है.

कोरोना वायरस पर चीन का विरोध कर सजा भुगत रहा है ऑस्ट्रेलिया!
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चीन ने पुष्टि की है कि वह ऑस्ट्रेलिया से जौ आयात पर 80 फीसदी टैरिफ लगाने जा रहा है. इसके अलावा, क्वींसलैंड और न्यू साउथ वेल्स के चार मीट प्रोसेसिंग प्लांट्स से बीफ आयात पर भी बैन लगा दिया है. अब लोगों का शक यकीन में बदलने लगा है कि चीन कोरोना महामारी पर ऑस्ट्रेलिया की राजनीतिक राय को लेकर उसे सजा देने की कोशिश कर रहा है.
कोरोना वायरस पर चीन का विरोध कर सजा भुगत रहा है ऑस्ट्रेलिया!
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ऑस्ट्रेलियाई बीफ पर प्रतिबंध और जौ पर शुल्क बढ़ाने के बाद चीन अमेरिका से इन चीजों का आयात कर सकता है. विश्लेषकों का कहना है कि इससे चीन को ट्रेड डील के तहत अमेरिका से आयात बढ़ाने की शर्त को पूरा करने में भी मदद मिलेगी.
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ऑस्ट्रेलिया के कोरोना वायरस की उत्पत्ति की अंतरराष्ट्रीय जांच करने की मांग को लेकर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई थी. ऑस्ट्रेलिया में चीनी राजदूत चेंग जिंगाये ने धमकी दी थी कि इस तरह का कदम उठाने पर चीन के लोग ऑस्ट्रेलियाई वस्तुओं का बहिष्कार कर देंगे.
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चीन के राजदूत चेंग जिंगाये ने कहा था कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति की स्वतंत्र जांच की मांग करना बेहद खतरनाक कदम है. चीनी राजदूत ने बयान में कहा था, ऑस्ट्रेलिया जो कर रहा है, उससे चीन की जनता परेशान और निराश हुई है. अगर हालात बद से बदतर होते हैं तो लोग सोचेंगे कि हम ऐसे देश क्यों जाएं जिसका चीन के प्रति रवैया दोस्ताना नहीं है. चीनी पर्यटक भी ऑस्ट्रेलिया आने से पहले सौ बार सोचेंगे.
कोरोना वायरस पर चीन का विरोध कर सजा भुगत रहा है ऑस्ट्रेलिया!
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चेंग ने कहा, यह पूरी तरह से लोगों के ऊपर निर्भर है. हो सकता है कि आम लोग कहें कि हम ऑस्ट्रेलियन वाइन क्यों पिए या हम ऑस्ट्रेलिया का बीफ क्यों खाएं. चेंग की इस धमकी पर चीन की सरकार ने अमल भी कर दिखाया.
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वैसे चीन के लिए ये कोई नई बात नहीं है कि वह किसी देश से राजनीतिक मतभेद होने पर वहां से आयात पर प्रतिबंध लगा दे. मार्च 2019 में, चीन ने जहाज में हानिकारक कीटाणु मिलने का दावा कर कनाडा के रिचर्डसन इंटरनेशनल से कनोला के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था. उस वक्त तमाम विश्लेषकों ने आशंका जताई थी कि कनाडा सरकार के चीन की हुआवे कंपनी के सीएफओ को गिरफ्तार करने के जवाब में ये बैन लगाया गया.
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मंगलवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि कस्टम की जांच में निरीक्षण और क्वारंटीन के नियमों का उल्लंघन पाए जाने के बाद ऑस्ट्रेलिया से बीफ के आयात पर प्रतिबंध लगाया गया है.
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झाओ ने इसके बाद कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच को लेकर भी चीन की सफाई पेश की. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में चीनी राजदूत चेंग की पूरी टिप्पणी को सावधानीपूर्वक पढ़ा जाए. उन्होंने कहा कि इस बैन का ऑस्ट्रेलिया की जांच की मांग से कोई संबंध नहीं है.
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कोरोना वायरस पर चीन का विरोध कर सजा भुगत रहा है ऑस्ट्रेलिया!
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चीन के प्रतिबंधों का ऑस्ट्रेलिया के कृषि निर्यात पर बेहद बुरा असर पड़ेगा. ऑस्ट्रेलिया के कुल जौ निर्यात में करीब 50 फीसदी हिस्सेदारी चीन की ही है. मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय किसान संघ के अध्यक्ष फियोना सिमसन ने कहा, ऑस्ट्रेलिया अपने फार्म प्रोडक्शन का दो-तिहाई हिस्सा निर्यात करता है जिसमें से 28 फीसदी चीन को बेचा जाता है. यही नहीं, ऑस्ट्रेलिया अपने कुल बीफ उत्पादन का 18 फीसदी और जौ के कुल उत्पादन का 49 फीसदी चीन को निर्यात करता है. ऊन, कॉटन, अनाज, डेयरी, सीफूड और हार्टिकल्चर के लिए भी चीन बहुत बड़ा बाजार है. किसान संघ के अध्यक्ष ने कहा, हम इस बात को समझते हैं कि दो देशों के संबंध में कभी-कभी कुछ मतभेद सामने आते हैं लेकिन ये जरूरी है कि हर चुनौती और समस्या का समाधान जल्द से जल्द निकाला जाए.
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पर्थ यूएस एशिया सेंटर रिसर्च के डायरेक्टर जेफ्री विल्सन ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से कहा, 'टिट फॉर टैट की नीति दो देशों के बीच ट्रेड वॉर की शुरुआत होती है लेकिन हालात कितने खराब होंगे, ये ऑस्ट्रेलिया की जवाबी कार्रवाई पर निर्भर करता है. मुझे लगता है कि चीन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ट्रेड वॉर का ऐलान कर दिया है लेकिन अभी तक ऑस्ट्रेलिया ने कोई जवाब नहीं दिया है. अगर एक ही पक्ष लड़ाई जारी रखे तो फिर इसे युद्ध कहना भी ठीक नहीं होगा.'

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