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विश्व

चीन के डर से हॉन्ग कॉन्ग छोड़कर हजारों लोग पहुंचे ब्रिटेन, बीजिंग ने जताया विरोध

hong kong protest
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चीन ने पिछले साल हॉन्ग कॉन्ग पर अधिक पकड़ हासिल करने के मकसद ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया था. इसके तहत चीन का विरोध करने वाले लोगों पर कार्रवाई करना चीन के लिए आसान हो गया है. लेकिन अब चीन के डर से हजारों लोग हॉन्ग कॉन्ग छोड़कर ब्रिटेन जाने लगे हैं.

(फाइल फोटोज/रॉयटर्स)

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चीन की ओर से हॉन्ग कॉन्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किए जाने के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पिछले साल कहा था कि चीन, हॉन्ग कॉन्ग में मानवाधिकार का हनन करता है तो उनके पास हॉन्ग कॉन्ग के लोगों को ब्रिटेन की नागरिकता देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा. ब्रिटेन की इसी पेशकश के बाद हजारों लोग हॉन्ग कॉन्ग छोड़कर ब्रिटेन आ गए हैं. 
 

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असल में 1997 में ब्रिटेन ने एक समझौते के तहत हॉन्ग कॉन्ग को चीन को सौंपा था. तब से एक देश, दो सिस्टम के तहत हॉन्ग कॉन्ग में शासन चलता रहा है. चीन-ब्रिटेन के समझौते में ये शर्त शामिल थी कि 50 साल तक हॉन्ग कॉन्ग के आर्थिक और राजनीतिक सिस्टम को नहीं बदला जाएगा. बता दें कि हॉन्ग कॉन्ग के करीब 3 लाख 50 हजार लोगों के पास ब्रिटेन का नेशनल ओवरसीज पासपोर्ट है. जबकि अन्य 25 लाख लोग इस पासपोर्ट के लिए एलिजिबल हैं. फिलहाल इस पासपोर्ट के साथ लोग बिना वीजा के 6 महीने तक ब्रिटेन में रह सकते हैं.

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ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि चीन की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किए जाने के बाद ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज (BNO) पासपोर्ट वाले लोगों को 12 महीने के लिए वीजा दिया जाएगा और उन्हें काम करने का भी अधिकार मिलेगा. 12 महीने बाद उनके वीजा को रिन्यू कर दिया जाएगा. इस तरह वे ब्रिटेन में नागरिकता हासिल करने के दायरे में आ जाएंगे. हालांकि, चीन ने ब्रिटेन के इस कदम का विरोध किया है. 

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एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हॉन्ग कॉन्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू होने के बाद से कई हजार लोग ब्रिटेन में आ गए हैं.  इनमें काफी ऐसे लोग भी हैं जिनके पास हॉन्ग कॉन्ग में काफी अधिक संपत्ति थी. हॉन्ग कॉन्ग से भागकर ब्रिटेन आने वाले लोगों का कहना है कि वे जिन चीजों की परवाह करते रहे हैं, जैसे कि फ्रीडम ऑफ स्पीच, निष्पक्ष चुनाव, आजादी, उन्हें खत्म कर दिया गया है. 

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हॉन्ग कॉन्ग में पिछले साल लोकतंत्र के समर्थन में काफी विरोध प्रदर्शन हुए थे. कई लोग इस वजह से भी हॉन्ग कॉन्ग छोड़ रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि प्रदर्शनकारियों पर चीन कार्रवाई कर सकता है. कई लोग अपने बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए हॉन्ग कॉन्ग छोड़ रहे हैं. ज्यादातर लोगों का कहना है कि वे वापस हॉन्ग कॉन्ग नहीं जाएंगे. 

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ब्रिटेन की सरकार का कहना है कि जुलाई से अब तक 7000 ऐसे लोग ब्रिटेन आ गए हैं जिनके पास ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज (BNO) दर्जा है. ऐसा समझा जा रहा है कि तीन लाख से अधिक लोग अगले 5 साल में इस स्टेट्स का लाभ ले सकते हैं. ब्रिटेन ने खासतौर से BNO स्टेट्स हॉन्ग कॉन्ग के लोगों को दिया था. लेकिन शुक्रवार को चीन ने कहा कि वह अब  BNO पासपोर्ट को ट्रैवल डॉक्यूमेंट के रूप में स्वीकार नहीं करेगा. चीन ने ब्रिटेन की ओर से हॉन्ग कॉन्ग के लोगों को नागरिकता की पेशकश का भी विरोध किया है. 
 

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