धार्मिक आजादी को लेकर चीन पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं. चीन के विदेश मंत्रालय से जब नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिनजिंयाग प्रांत में मस्जिदों की स्थिति और मुसलमानों से पत्रकारों की बातचीत की मनाही को लेकर सवाल किया गया तो मंत्रालय की प्रवक्ता बुरी तरह भड़क गईं. असल में, रमजान महीने के बीच रॉयटर्स न्यूज एजेंसी के एक पत्रकार ने चीन के शिनजिंयाग प्रांत में मस्जिदों का हाल जानने के लिए दौरा किया. इस दौरान पत्रकार ने पाया कि ज्यादातर मस्जिदें या तो क्षतिग्रस्त हैं या नष्ट कर दी गई हैं.
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रॉयटर्स के पत्रकार ने चीन के विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, शिनजिंयाग प्रांत के बाहर भी ज्यादातर मस्जिदें बहुत संवेदनशील स्थिति में हैं, जहां पहुंच पाना काफी मुश्किल था. इन मस्जिदों की तस्वीर लेने और वहां पर किसी से भी इस सिलसिले में बातचीत करने की सख्त मनाही थी. जबकि चीन के विदेश मंत्रालय और शिनजियांग प्रांत की सरकार का कहना है कि वे शिनजियांग में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और लोगों को अपने धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करने का पूरा हक है.
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चीन के विदेश विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुयिंग से पत्रकार ने पूछा कि सरकार यह कैसे सुनिश्चित कर रही है कि लोग शिनजियांग में स्वतंत्र और खुले तौर पर अपने धर्म का पालन कर सकें. ऐसे मामलों में जहां मस्जिदों को हटा दिया गया है या नष्ट कर दिया गया है, स्थानीय सरकार यह कैसे सुनिश्चित कर रही है कि लोगों के पास अब भी अपने धर्म का पालन करने के लिए जगहें बची हैं? ये सुनकर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता बुरी तरह भड़क गईं.
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इस पर हुआ चुयिंग ने पत्रकार से पूछा? आप कहां से हैं? पत्रकार ने बताया कि वह ब्रिटेन से हैं. तब चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने पत्रकार से कहा, आपने एक सांस में लंबा सवाल कर लिया. मैं आपसे जानना चाहती हूं कि ब्रिटेन और अमेरिका में कितनी मस्जिदें हैं. इस पर पत्रकार ने जवाब दिया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है.
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तब हुआ चुयिंग ने कहा, 'मैं आपको बताती हूं. अमेरिका में 2,000 और ब्रिटेन में 1,750 मस्जिदें हैं जबकि चीन के शिनजिंयाग में 24,400 मस्जिद हैं. इसका मतलब हुआ कि शिनजियांग में 530 मुस्लिमों पर एक मस्जिद है. शिनजियांग में अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस की तुलना में दोगुने से अधिक मस्जिदें हैं.'
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चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुयिंग ने कहा, 'इसलिए मुझे नहीं पता कि शिनजियांग में मस्जिदों के मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का क्या मतलब है? और आपने यह सब करने से पहले क्या अच्छे से होम वर्क किया था? अपना होमवर्क करना हमेशा महत्वपूर्ण होता है. टिप्पणी करते समय, आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके पास तथ्य हैं.'
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चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने संवैधानिक अधिकारों की दुहाई दी. हुआ चुयिंग ने कहा, 'मैं चीन गणराज्य के संविधान के उस प्रावधान के बारे में फिर से दोहराना चाहती हूं जिसमें लोगों को अपने धर्म को मानने की आजादी दी गई है. राज्य का कोई भी अंग, सार्वजनिक संगठन या कोई व्यक्ति, किसी नागरिक को किसी भी धर्म में विश्वास करने या न करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है; न ही वे उन नागरिकों के खिलाफ भेदभाव कर सकते हैं जो किसी भी धर्म में विश्वास करते हैं या नहीं करते हैं.'
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हुआ चुयिंग ने कहा, 'चीन सामान्य धार्मिक गतिविधियों की रक्षा करता है. तमाम जातीय समूहों के लोग मुस्लिम धार्मिक सिद्धांतों, नियमों और पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार मस्जिदों और घरों में अपने धार्मिक विश्वासों का पालन करने के लिए स्वतंत्र हैं.'
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शिनजिंयाग प्रांत में स्थित मस्जिदों के संबंध में स्थानीय सूचना विभाग ने सफाई भी दी है. सरकारी सूचना के मुताबिक शिनजिंयाग में ज्यादातर मस्जिदें 1980 और 1990 के दशक में या उससे भी पहले बनी थीं. उनमें से कुछ मूल रूप से पुरानी इमारतें हैं. कुछ बहुत संकरी हैं, कुछ इतनी जीर्ण-शीर्ण हो गई हैं कि वहां हवा और बारिश के मौसम में धार्मिक गतिविधियां असंभव हो जाती है.
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शिनजिंयाग में मस्जिद को लेकर लोगों से बातचीत की मनाही पर भी चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने सफाई दी. हुआ चुयिंग ने पत्रकारों से कहा, आपने वहां तस्वीर लेने के दौरान पत्रकारों को हुई कुछ समस्याओं का उल्लेख किया. मैं इस बारे में विदेशी पत्रकारों, खासकर अमेरिका और यूरोपीय देशों के लोगों को बताना चाहती हूं. चीनी मीडिया ने बहुत पहले इसकी रिपोर्ट छापी थी कि कैसे एक प्रसिद्ध ब्रिटिश मीडिया एजेंसी के कुछ पत्रकारों ने शिनजिंयाग और हुबेई जैसी जगहों पर साक्षात्कार के नाम पर लोगों को छला. उन्होंने जानबूझकर झूठ और अफवाहें भी उड़ाईं. इससे स्थानीय लोगों को ठेस पहुंची है. आप कल्पना कीजिए अगर कोई हमेशा आपकी छवि धूमिल करे तो आपको कैसा महसूस होगा?
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चीन का यह रुख तब सामने आया है जब अमेरिका ने हाल ही में चीन में धार्मिक आजादी को लेकर सवाल खड़े किए थे. अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी पर विदेश विभाग की वार्षिक रिपोर्ट के जरिये चीन पर निशाना साधा था. अमेरिका का आरोप है कि चीन में धार्मिक आजादी होने के बजाय लोगों को तमाम पाबंदियों का सामना करना पड़ता है.
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अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि चीन धार्मिक अभिव्यक्ति पर तो बंदिश लगाता ही है. साथ ही उइगर मुस्लिम के नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध भी करता है.
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