चीन कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से त्रस्त भारत को मदद मुहैया कराने को तैयार है. चीन ने गुरुवार को कहा कि वह भारत को कोरोना के प्रसार को रोकने में मदद करने और मेडिकल सप्लाई करने के लिए तैयार है. कोरोना के नए स्ट्रेन के चलते संकट का सामना कर रहे भारत में मेडिकल ढांचा चरमराने लगा है. लिहाजा, चीन ने मदद के लिए आगे आने की हामी भरी है. (फाइल फोटो-AP)
अमेरिका के जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के कोविड-19 ट्रैकर के मुताबिक, भारत में कोरोना संक्रमण के मामले करीब 16 करोड़ हो चुके हैं जो कि अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा है. भारत में कोरोना महामारी से उपजे संकट का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, दवाई आदि की कमी देखने को मिल रही है. कोरोना से मरने वालों की संख्या बदस्तूर बढ़ती जा रही है. आलम यह है कि श्मशान में अंतिम संस्कार के लिए लाइन लगानी पड़ रही है तो कई जगह कब्रिस्तान में जगह कम पड़ने की बात सामने आई है. (फोटो-PTI)
भारत में महामारी की स्थिति पर एक सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि बीजिंग मदद के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस मानवजाति का दुश्मन है. इस महामारी से निपटने के लिए पूरी दुनिया को एकजुट होने की जरूरत है. (फाइल फोटो-रॉयटर्स)
वांग वेनबिन ने कहा, 'चीन ने गौर किया है कि भारत में कोरोना की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है और वहां इस जानलेवा वायरस से निपटने के लिए चिकित्सकीय संसाधनों की स्थायी किल्लत महसूस की जा रही है. हम भारत को हर जरूरी मदद मुहैया कराने के लिए तैयार हैं ताकि वो महामारी पर काबू पा सके.' ( फाइल फोटो-AP)
हालांकि यह तुरंत पता नहीं चल पाया है कि बीजिंग ने आधिकारिक तौर पर नई दिल्ली को मदद का प्रस्ताव दिया है या नहीं. हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक, भारत की प्राइवेट कंपनियां चीन से मेडिकल सप्लाई के प्रयास में जुटी हुई हैं. भारत की प्राइवेट कंपनियां हवाई यातायात के किराये में अचानक वृद्धि से प्रभावित हुई हैं. ( फाइल फोटो-AP)
पिछले साल भारत उन देशों में से एक था, जिसने कोरोना महामारी के प्रकोप से निपटने में चीन की मदद की थी और उसे मेडिकल सप्लाई मुहैया कराई थी. भारत ने 2.11 करोड़ रुपये की चीन को 15 टन मेडिकल सप्लाई की थी जिसमें मास्क, ग्लव्स और आपातकालीन चिकित्सा उपकरण शामिल थे.
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पिछले साल मार्च में लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने बताया था कि चीन को जो मेडिकल आपूर्ति की गई थी उसमें 100,000 सर्जिकल मास्क, 500,000 जोड़े सर्जिकल दस्ताने, 4,000 एन-95 मास्क, 75 इंफ्यूजन पंप, 30 एंटरल फीडिंग पंप और 21 डिफाइब्रिलेटर शामिल हैं. (फाइल फोटो-AP)
चीन के वुहान शहर में दिसंबर 2019 में कोरोना का पहला मामला सामने आया था और इसके बाद इस वायरस ने महामारी का रूप ले लिया था. तेजी से फैलने वाले इस वायरस के चलते चीन अचानक संकट में फंस गया था, उस दौरान भारत ने उसे मदद मुहैया कराई थी. भारत ने एयरफोर्स के C-17 विमान के जरिये मेडिकल सप्लाई भेजी थी. यह विमान मेडिकल सप्लाई लेकर वुहान पहुंचा और हुबेई चैरिटी फेडरेशन को मदद सौंपी थी. (फाइल फोटो-AP)
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2020 में राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पत्र लिखकर कोरोना वायरस से निपटने में मदद करने का प्रस्ताव दिया था. इसके तुरंत बाद भारत में चीन के राजदूत सुन वेइदॉन्ग ने कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी लड़ाई में भारत की सहायता के लिए एकजुटता की सराहना की थी.(फाइल फोटो-AP)
वहीं भारत पिछले साल अप्रैल में कोरोना के पहली लहर का सामना कर रहा था तो चीन ने मदद का हाथ बढ़ाया था. उस दौरान चीन ने कोरोना से निपटने के लिए दर्जनों विमानों के जरिये मेडिकल सप्लाई भारत भेजी थी. उस दौरान 390 टन मेडिकल सप्लाई को लेकर शंघाई, ग्वांगझू, शेनज़ेन, शीआन और हांगकांग से विमानों ने भारत के लिए उड़ान भरी थी. (फाइल फोटो-AP)