भारत ने चीन पर अपनी आत्मनिर्भरता घटाने के लिए जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ एक नई पहल की है. दरअसल, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने सप्लाई चेन में सुधार लाने के लिए (SCRI) नई योजना शुरू की है जिसे लेकर चीन परेशान हो गया है. चीन ने भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्रियों की त्रिपक्षीय पहल को 'अवास्तविक' करार दिया है.
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इस पहल का मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखला में लचीलेपन को बढ़ाना और क्षेत्र में आपूर्ति का भरोसेमंद स्रोत विकसित करने के साथ ही निवेश को भी आकर्षित करना है. इस पहल को लेकर ऑस्ट्रेलिया के व्यापार, पर्यटन और निवेश मंत्री डान तेहन, भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और जापान के आर्थिक, व्यापार और उद्योग मंत्री काजीयामा हीरोशी के बीच हुई बैठक में चर्चा की गई. तीनों देशों के मंत्रियों ने डिजिटल तरीके से इस पहल की शुरुआत की.
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तीनों पक्ष इस बात से सहमत थे कि वैश्विक स्तर पर और इस क्षेत्र में "आपूर्ति श्रृंखला की संवेदनशीलता उजागर" हुई है. इस दौरान आपूर्ति श्रृंखला के अवरोधों से बचने के लिए जोखिम प्रबंधन और योजनाओं को लेकर निरंतरता के महत्व की बात स्वीकार की गई.
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इस पहल के तहत कुछ ऐसे कदम हैं जिसमें डिजिटल टेक्नोलॉजी, व्यापार, निवेश विविधीकरण को बढ़ावा देना शामिल है. माना जा रहा है कि यह चीन पर निर्भरता को कम करने की दिशा में उठाए गए कदम हैं.
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तीनों देश के मंत्रियों की बैठक के बाद जारी एक संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि पहल का मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखला में लचीलेपन को बढ़ाना और क्षेत्र में आपूर्ति का भरोसेमंद स्रोत विकसित करने के साथ ही निवेश को भी आकर्षित करना है. SCRI का लक्ष्य क्षेत्र में मजबूत, स्थायी, संतुलित और समावेशी विकास को हासिल करने के लिहाज से आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन बढ़ाने का एक चक्र बनाना है.
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वहीं, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया की इस पहल को चीन ने अव्यवहारिक करार दिया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को तीनों देशों के इस कदम को अवास्तविक करार दिया. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा, "वैश्विक औद्योगिक और आपूर्ति श्रृंखलाओं का निर्माण और विकास बाजार की शक्तियों और कंपनियों की पसंद से तय होता है."
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एक समाचार एजेंसी के मुताबिक लिजियान ने कहा कि औद्योगिक श्रृंखलाएं बदलना आर्थिक कानूनों और तथ्यों के खिलाफ है. इससे विभिन्न देशों के सामने आने वाली समस्याओं को सुलझाने में मदद नहीं मिलेगी और वैश्विक औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखलाएं बाधित होंगी, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिरता और सुधार के लिए अनुकूल नहीं है.
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झाओ लिजियन ने कहा, चीन को उम्मीद है कि महामारी के बीच संबंधित पक्ष महामारी के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बचाकर रखेंगे. साथ ही सभी पक्ष आपसी विश्वास और सहयोग को बढ़ाने के लिए अनुकूल तरीके से कार्य करेंगे, ताकि संयुक्त रूप से यह सुनिश्चित हो सके कि वैश्विक औद्योगिक और आपूर्ति श्रृंखला स्थिर और बेमिसाल है.
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