एक रिसर्च में सामने आया है कि कॉमन कोल्ड लोगों को इंफ्लूएंजा (फ्लू) से बचा सकता है. The Lancet Microbe में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, Rhinovirus व्यक्ति को इंफ्लूएंजा फ्लू से संक्रमित होने से रोक देता है. Rhinovirus की वजह से ही कॉमन कोल्ड, गला खराब होने, कान की परेशानी और साइनस जैसी समस्याएं होती हैं. (प्रतीकात्मक फोटो)
याले यूनिवर्सिटी की डॉ एलेन फॉक्समैन की टीम ने इस स्टडी के लिए करीब 3 साल तक 13 हजार मरीजों के डेटा का विश्लेषण किया. रिसर्चर्स ने पाया कि जिन महीनों में आमतौर पर दोनों वायरस सक्रिय होते हैं, मरीज के शरीर में एक ही वायरस मिले और वह कॉमन कोल्ड वाला वायरस था.
डॉ एलेन फॉक्समैन कहती हैं कि जब हमने डेटा की पड़ताल की तो पाया कि बहुत कम लोगों में एक ही वक्त में दोनों वायरस मौजूद हैं. हालांकि, फॉक्समैन कहती हैं कि क्या सीजनल कॉमन कोल्ड से पीड़ित व्यक्ति कोरोना वायरस को लेकर भी ऐसा ही व्यवहार करेगा, इसका पता लगाया जाना अभी बाकी है.
कॉमन कोल्ड के पीछे आमतौर पर Rhinoviruses जिम्मेदार होता है. वहीं, इंफ्लूएंजा (फ्लू) के लक्षण कॉमन कोल्ड की तरह ही होते हैं, लेकिन कॉमन कोल्ड से अधिक तकलीफें होती हैं. इंफ्लूएंजा की वजह से बुखार होने पर लोगों को बिस्तर पर पड़े रहने की नौबत आ सकती है.
स्टडी के दौरान यह भी पता चला कि Rhinovirus की वजह से शरीर में एंटीवायरल एजेंट Interferon का उत्पादन होता है. Interferon इंसान के शुरुआती इम्यून रेस्पॉन्स सिस्टम का हिस्सा है. वहीं, डॉ फॉक्समैन की टीम अब यह पता लगाने में जुट गई हैं कि क्या कोल्ड वायरस, कोरोना वायरस से भी इसी तरह की सुरक्षा दे सकता है.