कोरोना वायरस तेजी से अपना रूप बदल रहा है और यह रोज-ब-रोज खतरनाक होता जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना के नए रूप डेल्टा वेरिएंट को सबसे खतरनाक बताया और इसे लेकर आगाह किया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदनाम घेब्रेयियस ने चेतावनी दी है कि डेल्टा जैसे तेजी से फैलने वाले वेरिएंट्स के चलते COVID-19 महामारी बहुत ही 'खतरनाक दौर' में पहुंच चुकी है.
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टेड्रोस अदनाम घेब्रेयियस ने कहा कि कई देशों में वैक्सीनेशन की कम दर चिंताजनक है. डेल्टा वेरिएंट उन्हें तेजी से शिकार बना रहा है जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है. इसलिए डब्ल्यूएचओ टीकाकरण अभियान को तेज करने की बार-बार हिमायत कर रहा है. डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार को कहा कि कम वैक्सीनेशन वाले देशों में अस्पतालों में फिर से डरावनी तस्वीर देखने को मिल सकती है.
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प्रेस ब्रीफिंग में टेड्रोस अदनाम घेब्रेयियस ने कहा, 'कोरोना के तेजी से फैलने वाले वेरिएंट्स, जैसे कि डेल्टा, के चलते हम इस महामारी के खतरनाक दौर में आ गए हैं. डेल्टा वेरिएंट करीब 100 देशों में फैल चुका है. '
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डब्ल्यूएचओ ने कहा, 'इस खतरे से दुनिया का कोई देश बाहर नहीं है. डेल्टा वेरिएंट खतरनाक है और यह तेजी म्यूटेट हो रहा है. इस पर निरंतर नजर बनाए रखने और सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त किए जाने की जरूरत है.'
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विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक कम से कम 98 देशों में डेल्टा वेरिएंट के मामले पाए गए हैं. जिन देशों में वैक्सीनेशन की रफ्तार सुस्त है, वहां यह तेजी से अपने पांव पसार रहा है.
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टेड्रोस अदनाम घेब्रेयियस ने कहा कि कोरोना के मामलों में उछाल को रोकने के लिए दो तरीके हैं. उन्होंने कहा, 'पहला, कोरोना से बचने के लिए दुरुस्त सरकारी स्वस्थ्य व्यवस्था, सामाजिक उपाय मसलन सोशल डिस्टेंसिंग, कड़ी निगरानी, टेस्टिंग, आइसोलेशन और क्लिनिकल केयर जैसे उपाय अहम है.' उन्होंने यह भी कहा कि मास्किंग, फिजिकल डिस्टेंसिंग, भीड़ से परहेज और वेंटिलेशन वाले घर में रहना कोरोना से निपटने के सबसे कारगर उपाय हैं.
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टेड्रोस अदनाम घेब्रेयियस ने कोरोना से बचने का दूसरा रास्ता टीकाकरण को बताया. उनका मानना है कि दुनिया में सभी को टीका लगाया जाना चाहिए. उनका कहना है कोरोना से दुनिया में सबको समान रूप से सुरक्षा मिलनी चाहिए. दुनिया में सबको समान रूप से ऑक्सीजन, टेस्ट, इलाज और वैक्सीन मिलनी चाहिए. विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने दुनिया भर के नेताओं से मिलकर काम करने का आग्रह किया है. उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि अगले साल इस समय तक हर देश में 70 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण हो जाना चाहिए.
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टेड्रोस अदनाम घेब्रेयियस ने कहा, 'महामारी की रफ्तार धीमी करने, जिंदगियां बचाने, वास्तव में वैश्विक आर्थिक व्यवस्था को पटरी पर लाने और इस बीमारी को और बढ़ने से रोकने के लिए ये सब करना होगा. हमने इस सितंबर के अंत तक वैश्विक नेताओं से सभी देशों में कम से कम 10 प्रतिशत वैक्सीनेशन का आह्वान किया है.'
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डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों की तरफ से प्रौद्योगिकी और संबंधित जानकारी साझा करने से वैक्सीनेशन की रफ्तार को तेज किया जा सकता है.
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टेड्रोस अदनाम घेब्रेयियस ने कहा, 'मैं विशेष रूप से बायोएनटेक, फाइजर और मॉडर्न जैसी कंपनियों से आग्रह करता हूं कि वे अपने फार्मूला को साझा करें ताकि हम वैक्सीन प्रोडक्शन को बढ़ा सकें. जितनी जल्दी हम अधिक से अधिक वैक्सीन हब बनाना शुरू करेंगे और वैश्विक स्तर पर वैक्सीन निर्माण की क्षमता को बढ़ाएंगे, उतनी ही जल्दी हम इस जानलेवा बीमारी के खतरे को कम कर सकेंगे.'
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विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही आगाह कर चुका है कि आने वालों दिनों में कोरोना का डेल्टा वेरिएंट सबसे तेजी से फैलने वाला वेरिएंट बन जाएगा. इस तरह यह दुनिया का सबसे ज्यादा कोरोना का संक्रामक वेरिएंट होगा.
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WHO ने 29 जून 2021 को जारी बयान में बताया था कि 29 जून 2021 तक के आंकड़ों के मुताबिक 96 देशों में डेल्टा वेरिएंट के मामले पाए गए हैं. हालांकि इसकी आशंका कम है कि इतने देशों में कोरोना का यह वेरिएंट दस्तक दे चुका है, क्योंकि कई देशों में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए संसाधन कम हैं. ऐसे में डेल्टा वेरिएंट की पहचान के लिए और संसाधन की जरूरत है. लेकिन यह सच है कि डेल्टा वेरिएंट के चलते कई देशों में कोरोना के मामलों में उछाल आया है और संक्रमित मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है.
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