सिडनी में डॉल्स के लिए एक ऐसा हॉस्पिटल है, जिसके बारे में जानकर कोई भी हैरान रह जाए. यह अस्पताल 1913 में खोला गया था. तब से लेकर अब तक यहां 3 मिलियन डॉल्स, टेडी बेयर आदि बचाए जा चुके हैं, जो ऑस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड के बच्चों ने 'भर्ती' करवाए.
इस अस्पताल के सर्जन डॉल्स की उंगलियां, पैर, सिर आदि ट्रांसप्लांट और रिपेयर करते हैं. दरअसल, बच्चों की 'करामात' और वक्त का शिकार होकर ऐसे डॉल इस अस्पताल में शरण लेते हैं.
इस अस्पताल में डॉल रिपेयर करने वाली टमारा ओट्टेसेन एक जरूरी अंग की तलाश कर रही हैं.
एक डॉल अपना इलाज करवा रही है, जबकि उससे खेलने वाली मासूम उसे निहार रही है.
डॉल रिपेयर करने वाली केरी स्टुअर्ट अपने काम में व्यस्त नजर आ रही हैं. यह तस्वीर 17 जून, 2014 की है.
सिडनी डॉल्स हॉस्पिटल में रिपेयरिंग के लिए लाई गई एक डॉल.
हॉस्पिटल में डॉल्स के ढेर सारे हाथ, जो जरूरत पड़ने पर कभी न कभी जरूर काम आ जाएंगे.
डॉल्स रिपेयरिंग में ध्यानमग्न 'डॉक्टर' गेल ग्रेनगर.
केरी स्टुअर्ट एक डॉल को सॉफ्ट बनाने के लिए उसे खौलते पानी में डालते हैं.
इस अस्पताल में रिपेयरिंग का काम करने वाली केरी स्टुअर्ट एक डॉल के सिर की मरम्मत करते हुए.
वर्कशॉप में डॉल्स के इन सभी अंगों को बेहतर आकार दिया जाने वाला है.