लंदन में तीन दशक बीताने के बाद कारोबारी क्रिस्टोफर रीच परेशान होकर दुबई पहुंचे हैं. उनका कहना था कि लंदन में लॉकडाउन से वो परेशान हो चुके हैं. इसके बाद उन्होंने दुबई में एक लग्जरी घर खरीदा ताकि वह अपने परिवार के साथ नया जीवन शुरू कर सकें. ऐसा करने वाले क्रिस्टोफर रीच अकेले नहीं हैं, बल्कि दुनियाभर के रईस लोग दुबई में लग्जरी घर खरीद रहे हैं. इसमें भारतीय अमीर भी शामिल हैं.
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कोरोना महामारी के बीच दुबई अमीर लोगों की पहली पसंद बन गया है. भारत सहित दुनियाभर के कारोबारी अपने शहरों में लॉकडाउन और कोविड-19 की दुश्वारियों के चलते दुबई का रुख कर रहे हैं. एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक यूरोप, भारत, चीन और रूस के रईस लोग दुबई को अपने रहने वाले शहर के तौर पर चुन रहे हैं. इसका नतीजा यह हुआ है कि दुबई में लग्जरी इमारतों के कारोबार में काफी इजाफा देखने को मिल रहा है. हालांकि भारत के कितने अमीर दुबई शिफ्ट हुए हैं, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आ पाई है.
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इससे पहले रिपोर्ट आई थी कि कोरोना संकट के बीच भारत से कुछ अमीर लोगों ने विदेशों का रुख करना शुरू दिया है. दिल्ली की एक प्राइवेट जेट फर्म क्लब वन एयर के सीईओ राजन मेहरा का कहना था कि सिर्फ अल्ट्रा रिच लोग ही इस श्रेणी में नहीं हैं, बल्कि जो लोग भी प्राइवेट जेट का पैसा पेमेंट कर सकते हैं वो बाहर जाने के लिए टिकट बुक करा रहे हैं. ये भी रिपोर्ट्स थीं कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच बॉलीवुड की हस्तियां मालदीव की तरफ रुख कर रही हैं.
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असल में, दुनियाभर में कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी है. संक्रमण के चलते दुनिया के देश अपने यहां बंदिशें लागू करने को मजबूर हैं. इसके चलते विदेशी खरीदार दुबई की तरफ बढ़ रहे हैं. दुबई दुनिया के उन चुनिंदा शहरों में से एक है जहां खाना-पीना, रहना और अपने कारोबार को चमकाना आसान है. इससे दुबई के प्रॉपर्टी मार्केट में रंगत आ गई है.
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दुबई में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 2021 की पहली तिमाही में प्रॉपर्टी के कारोबार में 230% का इजाफा दर्ज किया गया है. संयुक्त अरब अमीरात की रियल एस्टेट की प्रमुख वेबसाइट प्रॉपर्टी फाइंडर के मुताबिक प्रॉपर्टी के कारोबार में काफी उछाल आया है.
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कंसल्टेंसी नाइट फ्रैंक के साझेदार मैथ्यू कूक ने बताया कि काफी लोग आ रहे हैं और प्रॉपर्टी में कोरोड़ों रुपये का निवेश कर रहे हैं. दुबई में लोग सिर्फ रहने के लिए ही नहीं बल्कि कारोबार के लिहाज से भी घर खरीद रहे हैं. बताया जा रहा है कि दुबई में अभी किफायती दरों पर घरों की खरीद हो रही है. प्रॉपर्टी कारोबारी बाद में इससे महंगे दामों पर भी बेचेंगे.
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असल में, पिछली गर्मियों में पर्यटकों के लिए फिर से खोलने के बाद से दुबई ने खुद को महामारी के दौरान छुट्टियां बिताने लायक गंतव्य के रूप में खड़ा किया है. दुबई में क्वारनटीन में नियमों को आसान बनाया गया है और विदेशी पर्यटकों को पार्टी करने की रियायत मिली हुई है. समुद्र के किनारे सैलानियों को आनंद लेने की छूट है.
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हालांकि पर्यटकों के बढ़ने से इस रेगिस्तानी देश में जनवरी में कोरोना के मामलों में वृद्धि देखने को मिली थी. इसकी वजह से दुबई के लिए ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी गई. लेकिन संयुक्त अरब अमीरात ने अपनी युवा आबादी और कम मृत्यु दर के साथ महामारी से निपटने में अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन किया है. UAE अभी चीन की वैक्सीन सिनोफार्मा पर निर्भर है. यहां 10.6 मिलियन से ज्यादा कोरोना की खुराक लोगों को दी जा चुकी है.
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दुबई में सिनोफार्मा के अलावा फाइजर-बायोएनटेक और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन भी उपलब्ध है. दुबई में वैक्सीन के लिए रेजिडेंट वीजा की जरूरत पड़ती है. इस बीच, रईस विदेशियों को लुभाने के लिए संयुक्त अरब अमीरात ने नई पहल में की है जिसके तहत वर्क वीजा, रिटायर्टमेंट वीजा और लांगटर्म वीजा, "गोल्डन" वीजा शामिल हैं.
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