इजरायल की खुफिया मोसाद के पूर्व प्रमुख योसी कोहेन ने ईरान में मोसाद की गतिविधियों को लेकर कई बातें बताई हैं. इजरायली टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने इस तरह का संकेत दिया है कि ईरान के नतांज स्थित भूमिगत परमाणु संयंत्रों पर हुए हमले और वैज्ञानिकों को निशाना बनाए जाने के पीछे मोसाद का ही हाथ था. डेविड बार्निया को योसी कोहेन की जगह अब नया मोसाद प्रमुख बनाया गया है.
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योसी कोहेन का इस इंटरव्यू का एक हिस्सा गुरुवार रात को प्रसारित हुआ. उन्होंने इंटरव्यू में बेंजामिन नेतन्याहू के शासन के अंतिम दिनों में इस तरह की बातें कीं जो बहुत असाधारण मानी जाती हैं. योसी कोहेन ने ईरान के वैज्ञानिकों को भी चेतावनी दी कि अगर वे परमाणु कार्यक्रम का हिस्सा रहे तो उन्हें भी निशाना बनाया जा सकता है. सेवा मुक्त हो रहे मोसाद प्रमुख का यह बयान तब सामने आया है जब वियना में ईरान और अमेरिका के बीच परममाणु समझौते को बहाल करने के लिए वार्ता चल रही है.
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नतांज परमाणु संयंत्र में जुलाई 2020 में एक रहस्यमयी विस्फोट के चलते सेंट्रीफ्यूज नष्ट हो गया था. ईरान ने इसके लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था. इसी साल फिर ईरान के नतांज परमाणु संयंत्र पर हमले की घटना हुई. 11 अप्रैल 2021 को नतांज परमाणु संयंत्र पर हमले के बाद ईरानी अधिकारियों का कहना था कि अटैक में परमाणु केंद्र की मशीनें या तो खराब हो गई हैं या बर्बाद हो गई हैं. ईरान ने इस हमले को 'परमाणु आतंकवाद' बताते हुए इजरायल को इसके लिए जिम्मेदार बताया था. इजरायल ने अपनी भूमिका की ना ही पुष्टि की है और न ही इसका खंडन किया.
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बहरहाल, इजरायल के टीवी चैनल 12 को दिए इंटरव्यू में योसी कोहेन ने कहा, "अगर वैज्ञानिक अपना करियर बदलने के लिए तैयार है और हमारे लिए कोई खतरा नहीं है तो उसे क्यों निशाना बनाया जाना चाहिए.".
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नतांज परमाणु संयंत्र पर हमले के बारे में सवाल किए जाने पर कोहेन ने कई बातें बताई हैं. इंटरव्यू के दौरान कोहेन ने साफ तौर पर कुबूल नहीं किया कि उन हमलों के पीछे मोसाद का हाथ था, मगर उन्होंने अटैक से संबंधित कुछ हैरान कर देने वाली बातें साझा कीं. उनसे जब पूछा गया कि अगर ईरानी संयंत्र में जाने का अवसर मिले तो वह कहां जाना चाहेंगे. इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'सेलार में जहां सेंट्रीफ़्यूज़ घूमा करता था.' योसी कोहेन ने कहा लेकिन अब वह जगह अब वैसी नहीं दिखती, जैसी पहले थी.
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इंटरव्यू करने वाली पत्रकार इलान दयान ने भी कोहेन की बातों के आधार पर अपनी रिपोर्ट में हमले की काफी विस्तृत जानकारी दी कि इजरायल ने कैसे नतांज परमाणु केंद्र में लगाए जाने वाले पत्थरों में विस्फोट फिट कर दिए जिसकी ईरानियों को भनक तक नहीं लगी.
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एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, योसी कोहेन की बातों के आधार पर महिला पत्रकार ने लिखा, 'धमाकों के लिए जिम्मेदार शख्स ने ईरानियों के मार्बल प्लेटफॉर्म जिन पर सेंट्रीफ्यूज रखे गए थे, उनमें भारी मात्रा में विस्फोटक लगा दिए थे. लेकिन ईरानियों को इसकी भनक तक नहीं लगी.'
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इंटरव्यू के दौरान योसी कोहेन ने दशकों पहले तेहरान के सैन्य परमाणु कार्यक्रम की शुरुआत करने वाले ईरानी वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की नवंबर में हुई हत्या का भी जिक्र किया. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी का मानना है कि ईरान ने 2003 में परमाणु हथियार हासिल करने के संगठित प्रयास को छोड़ दिया था. ईरान ने लंबे समय से अपने कार्यक्रम को शांतिपूर्ण बनाए रखा है.
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योसी कोहेन ने हालांकि अपने इंटरव्यू में इस बारे में कुछ नहीं कहा कि मोसाद सीधे तौर पर उनकी हत्या में शामिल था या नहीं. मोसाद के पूर्व प्रमुख ने ईरानी वैज्ञानिकों को परमाणु कार्यक्रम में भाग लेने से रोकने के लिए एक इज़रायली प्रयास के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि इजरायल की अप्रत्यक्ष धमकी के बाद ईरान के कुछ वैज्ञानिकों ने परमाणु कार्यक्रम के लिए काम करना छोड़ दिया.
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इंटरव्यू लेने वाली पत्रकार के यह पूछे जाने पर कि क्या वैज्ञानिकों ने इसके निहितार्थों को नहीं समझा, कोहेन ने कहा: "वे अपने दोस्तों का हश्र देख चुके हैं."
ईरान ने इजरायल के हमलों के बारे में बार-बार शिकायत की है, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) में ईरान के राजदूत काज़ेम ग़रीबाबादी ने गुरुवार को चेतावनी दी है कि ऐसी घटनाओं का निर्णायक रूप से जवाब दिया जाएगा और निश्चित रूप से ईरान के लिए कोई विकल्प नहीं बचा है. लेकिन ईरान अपनी (परमाणु कार्यक्रम) पारदर्शिता और सहयोग की नीति पर कायम रहेगा. संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने योसी कोहेन की टिप्पणियों पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
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