जर्मनी की एक अदालत ने फैसला सुनाया है कि जिस मुस्लिम शख्स ने महिला से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया था, उसे नागरिकता नहीं दी जानी चाहिए. मुस्लिम शख्स पेशे से एक डॉक्टर है.
असल में जर्मनी की एक महिला अधिकारी संबंधित व्यक्ति को नागरिकता से जुड़े सर्टिफिकेट दे रही थी, जब उसने महिला से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया. यह शख्स मूल रूप से लेबनान का रहने वाला है.
कोर्ट का कहना है कि महिला अधिकारी के साथ हाथ मिलाने से मना करने से ऐसा मालूम पड़ता है कि लेबनानी व्यक्ति ने महिला को सेक्सुअल सिडक्शन के खतरे के तौर पर देखा. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हाथ मिलाना लंबे वक्त से अभिवादन का जरिया रहा है.
जज ने कहा कि जर्मनी की नागरिकता पाने के लिए यह शर्त जुड़ी हुई है कि व्यक्ति जर्मनी के संविधान के मूल्यों के तहत जी रहा है या नहीं. संविधान में सेक्सुअल इक्वैलिटी का प्रावधान है.
बता दें कि 2015 में नागरिकता सर्टिफिकेट देने के लिए एक समारोह आयोजित किया गया था. इसी दौरान लेबनानी व्यक्ति ने हाथ मिलाने से इनकार कर दिया था. हालांकि, उसने नागरिकता से जुड़े टेस्ट में हाई स्कोर हासिल किया था जिसमें जर्मनी के इतिहास और लोकतांत्रिक मूल्यों से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं.