पश्चिम अफ्रीका के देश गिनी में इबोला से चार लोगों की मौत होने के बाद बीमारी को महामारी घोषित कर दिया गया है. 2016 के बाद यह पहली बार है जब गिनी के लोगों की इबोला से मौतें हुई हैं. AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय अधिकारी घटना को लेकर काफी चिंतित हैं और मामलों की जांच की जा रही है. (फाइल फोटो/रॉयटर्स)
2013 से 2016 के बीच दुनिया के कई देशों में इबोला महामारी फैल गई थी. दुनियाभर में इबोला से करीब 11 हजार 300 लोगों की मौतें हुई थीं. इसके बाद इबोला की वैक्सीन भी तैयार कर ली गई थी. (फाइल फोटो/रॉयटर्स)
गिनी में इबोला से चार लोगों की मौत का मामला नजेरेकोरे क्षेत्र का है. मृतकों में एक नर्स भी शामिल है जो जनवरी के आखिर में बीमार पड़ी थी. एक फरवरी को नर्स का अंतिम संस्कार किया गया. (फाइल फोटो/रॉयटर्स)
बाद में नर्स के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने वाले 8 लोगों में इबोला के लक्षण मिले थे. इनमें से तीन लोगों की मौत हो गई है और चार लोगों का हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है. (फाइल फोटो/रॉयटर्स)
2016 के बाद से विश्व स्वास्थ्य संगठन इबोला महामारी पर कड़ी नजर बनाए हुए है. हाल ही में कॉन्गो में भी इबोला के मामले सामने आए थे जिसे WHO ने इंटरनेशनल हेल्थ इमरजेंसी कहा था. जनवरी में वैक्सीन अलायंस गवि ने कहा था कि इबोला की 5 लाख वैक्सीन की खुराक इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए रखी गई हैं ताकि कहीं भी मामले सामने आने के बाद बीमारी को तुरंत रोका जा सके. (फाइल फोटो/रॉयटर्स)