गाजा पट्टी में इजराइल के साथ संघर्ष में नौ बच्चों समेत 20 लोगों की मौत हो गई. मरने वालों के लिहाज से देखा जाए तो सोमवार का दिन पिछले कई सालों में सबसे अधिक रक्तपात वाले दिनों में एक रहा. इजरायल का दावा है कि हमास की तरफ से 150 से ज्यादा रॉकेट दागे गए. इसके बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई की है.
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फिलीस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मौत की वजह से संबंधित कोई जानकारी तो नहीं दी, लेकिन उत्तरी गाजा में एक विस्फोट में तीन बच्चों समेत एक ही परिवार के कम से कम सात लोगों की जान चली गई. इजरायली सेना ने कहा कि गाजा से रॉकेट दागे जाने के जवाब में उसने हमास के कई ठिकानों को निशाना बनाया.
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असल में, यरुशलम स्थित अल-अक्सा मस्जिद में फिलीस्तीनियों और इजरायली सुरक्षा बलों के बीच सोमवार को झड़प हुई थी. इसमें फिलीस्तीनी प्रदर्शनकारियों के पथराव के जवाब में इजरायली सुरक्षा बलों ने रबर बुलेट का इस्तेमाल किया जिसमें दर्जनों प्रदर्शनकारी घायल हो गए. वर्ष 1967 में इजरायल ने यरुशलम के कई हिस्सों को अपने नियंत्रण में लिया था. सोमवार को इस घटना की वर्षगांठ के मौके पर यहूदी नेशनलिस्ट एक मार्च निकालने वाले थे. इसी बीच हिंसा भड़क उठी.
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झड़प में सैकड़ों फिलिस्तीनियों के घायल होने के बाद हमास के चरमपंथी गुटों ने सोमवार रात को यरुशलम पर रॉकेट से हमला शुरू कर दिया. एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल ने दावा किया कि हमास ने 150 से ज्यादा रॉकेट दागे. इसके जवाब में इजरायल के हवाई हमले में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई.
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फिलिस्तीनी गुटों के हमले के बाद इजरायल ने प्रतिक्रिया में गाजा पट्टी पर हमले किए. इससे पहले, इजरायल के सुरक्षा बलों के साथ झड़प में 700 से ज्यादा फिलिस्तीनी घायल बताये जा रहे हैं. इनमें से 500 से ज्यादा लोगों का आसपास के अस्पतालों में इलाज चल रहा है.
रॉकेट हमले के बाद इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतान्याहू ने देर रात शीर्ष अफसरों से मुलाकात की और चेतावनी दी कि अमेरिका, यूरोप और अन्य जगहों से शांत के आह्वान के बावजूद लड़ाई हो सकती है.
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इस बीच, इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतान्याहू ने कहा है कि गाजा में आतंकवादी संगठनों ने सीमा रेखा पार कर कर दी है और यरूशलम के बाहरी इलाके में मिसाइलों से हमला किया है. नेतान्याहू ने कहा कि जिसने भी ये हमला किया है उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. उन्होंने चेतावनी दी है कि यह लड़ाई कुछ दिन जारी रह सकती है.
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PM Netanyahu: "We are in a fight on several fronts: Jerusalem, Gaza and elsewhere in the country. This evening, on Jerusalem Day, the terrorist organizations in Gaza have crossed a red line and attacked us with missiles in the outskirts of Jerusalem."https://t.co/PELb5RAbAO pic.twitter.com/p3likIp5Sa
— PM of Israel (@IsraeliPM) May 10, 2021
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने पूर्वी यरुशलम में बढ़ती हिंसा पर आपातकालीन बैठक की. इसमें एक प्रस्तावित बयान पर विचार-विमर्श किया गया, जिसमें इजरायल से आह्वान किया गया कि वह मामले को लेकर संयम बरतें और इस पवित्र स्थलों पर ऐतिहासिक यथास्थिति का सम्मान करे.
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संयुक्त राष्ट्र (UN) में आयरलैंड के राजदूत गेराल्डिन बायर्न नैसन ने कहा कि सुरक्षा परिषद को इस मसले पर फौरन बात करनी चाहिए. हम उम्मीद करते हैं कि वह ऐसा करने में सक्षम होगा. सभी 15 सदस्यों ने झड़पों और बढ़ती हिंसा पर चिंता व्यक्त की. मगर अमेरिका ने कहा है कि इस समय एक बयान उपयोगी नहीं हो सकता है. बहरहाल, अमेरिका ने परिषद के विशेषज्ञों द्वारा इस बयान पर चर्चा किए जाने पर सहमति जताई.
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बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से शेख जराह, ओल्ड सिटी और हाइफा में फिलीस्तीनियों और इजरायली पुलिस के बीच झड़प जारी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्वी यरुशलम के शेख जराह से फिलीस्तीनी परिवारों को हटाने की योजना सामने आने के बाद फिलीस्तीनियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पें शुरू हुई थीं.
यरूशलम स्थित अल-अक्सा मस्जिद इस्लाम के सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है. यरुशलम यहूदियों और ईसाइयों के लिए भी धार्मिक रूप से काफी अहमियत रखता है. इजरायल यरुशलम को अपनी राजधानी के रूप में देखता है जिसमें यरुशलम का पूर्वी हिस्सा भी शामिल है. हालांकि, इस इलाके पर इजरायल के नियंत्रण को अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिली है. फिलीस्तीनी चाहते हैं कि वेस्ट बैंक और गाजा में उनके लिए अलग से देश बने और उसकी राजधानी पूर्वी यरुशलम हो.
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