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विश्व

Independence Day 2023: कहानी भारत-पाकिस्तान की... 76 साल में कितने बदल गए दोनों मुल्क?

पाकिस्तान आज भी कंगाली से जूझ रहा है और दुनिया पर बोझ बनता जा रहा है.
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ये कहानी है उन दो देशों की जो कभी एक ही थे, फिर नफरत की सियासत हुई, बंटवारा हुआ, लाखों लोग इधर से उधर गए और लाखों लोग उधर से इधर आए, कत्लेआम, लूट, पलायन, तबाही सब कुछ देखा दोनों तरफ के लोगों ने... लेकिन उस विभाजन के 76 साल बाद आज दोनों के हालात अलग-अलग हैं. हम बात कर रहे हैं भारत और पाकिस्तान की. भारत ने आज यानी 15 अगस्त को अपनी आजादी का जश्न मनाया तो पाकिस्तान ने एक दिन पहले यानी 14 अगस्त को... आजादी के जश्न की तस्वीरें खुद गवाह हैं कि एक तरफ कैसे बुलंद भारत दुनिया के मंच पर मजबूती से खड़ा होता जा रहा है तो दूसरी ओर पाकिस्तान कैसे कंगाली से जूझ रहा है और दुनिया पर बोझ बनता जा रहा है...

पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से लहराया तिरंगा
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भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा लहराया. पीएम मोदी ने कहा कि भारत का सामर्थ्य और विश्वास नई बुलंदियों को पार करने वाली हैं. अगले पांच साल में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में होगा. 

पीएम मोदी ने देश को संबोधित किया
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर पर लगातार 10वीं बार तिरंगा झंडा फहराया और देश को संबोधित किया. उन्होंने 2047 तक देश को विकसित बनाने का लक्ष्य रखा. साथ ही उन्होंने कहा कि भारत की विविधता को दुनिया अचंभे से देख रही है. आज देश प्रगति की राह पर है. 2015 में हम वैश्विक अर्थव्यवस्था में 10वें नंबर पर थे और आज हम विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था बन चुके हैं. 

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आज़ादी के जश्न की रौनक
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आज़ादी के बाद इन 76 सालों में भारत ने कई उतार-चढ़ाव देखे और अनगिनत उपलब्धियां हासिल कीं. अंतरिक्ष में चंद्रयान से लेकर गगनयान के जरिए भारत ने परचम लहराया है. भारत आज अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है. और अगले पांच सालों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का टारगेट सेट कर रखा है. 

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आज ग्लोबल ऑर्डर-पॉलिटिकल इक्वेशन बदल रहा है.
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भारत जहां दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है. देश में जी-20 जैसे महत्वपूर्ण समिट हो रहे हैं. कोरोना जैसी महामारी में जीवनरक्षक दवाएं हों या तुर्की और सीरिया में आए भयानक भूकंप में मदद के तौर ऑपरेशन दोस्त. भारत बदलते हुए विश्व को आकार देने सामर्थ्य नजर आ रहा है. वहीं, पाकिस्तान आज भी आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहा है. 

पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री  अनवर उल हक काकर
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हालांकि, पाकिस्तान ने भी अपनी स्वतंत्रता दिवस में पूरी शानो-शौकत दिखाने की कोशिश की. लेकिन पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और खाली खजाना उसकी वर्तमान स्थिति को बयां करने के लिए काफी है. पाकिस्तान आज गंभीर नकदी संकट से जूझ रहा है. 
 

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ
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नकदी संकट और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच शहबाज सरकार ने 9 अगस्त को नेशनल असेंबली को भंग करने की सिफारिश की थी. जिसके बाद देश को चलाने के लिए अनवर उल हक काकर ने सोमवार को यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन ही पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. 

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी
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पाकिस्तान आज गंभीर आर्थिक संकट में फंसा है. पाकिस्तान के ऊपर चीन से लेकर अमेरिका और सऊदी अरब से लेकर यूएई तक के करोड़ों रुपये कर्ज हैं. आईएमएफ के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान पर 120 अरब डॉलर से भी ज्यादा का कुल विदेशी कर्ज है. हालात इतने खराब हैं कि पाकिस्तान ने खत्म होते विदेशी मुद्रा भंडार को देखते हुए बहुत से जरूरी सामानों के आयात पर भी प्रतिबंध लगा रखा है. 

 पाकिस्तान की गर्त अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख कारण राजनीतिक संकट
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ऐसा पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान आर्थिक मुसीबत में है. पाकिस्तान की गर्त अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख कारण राजनीतिक संकट है. पाकिस्तान में ऐसा कोई भी प्रधानमंत्री नहीं हुआ है, जिसने सत्ता में अपना कार्यकाल पूरा किया हो. 1953 के संवैधानिक तख्तापलट सहित पाकिस्तान ने 4 तख्तापलट देखे हैं. यहां तक कि पाकिस्तान के चुनाव आयोग को भी सिर्फ तय समय पर ही नहीं बल्कि हमेशा चुनाव कराने के लिए तैयार रहना होता है. क्योंकि पाकिस्तान की चुनी हुई सरकार को भी यह पता नहीं रहता है कि वह कब तक सत्ता में है. 

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भारत की जीडीपी पाकिस्तान से 800 प्रतिशत अधिक
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1975 में दोनों देशों का विदेशी मुद्रा भंडार जहां लगभग बराबर था. आज भारत का कुल भंडार 567 बिलियन डॉलर पार कर गया है, जबकि पाकिस्तान का सिर्फ 9.93 बिलियन डॉलर है. विश्व बैंक के अनुसार, 2022 में भारत की जीडीपी 3.39 ट्रिलियन डॉलर थी. जो पाकिस्तान की 376.53 बिलियन डॉलर की जीडीपी से 800 प्रतिशत अधिक है. 

एक वक्त था जब जब पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति आय भारत से अधिक थी
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आजादी के वक्त दोनों देशों की प्रति व्यक्ति आय लगभग सामान थी. यहां तक कि साल 2000 में ऐसे भी मौके आए थे जब पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति आय भारत से अधिक थी. लेकिन आज भारत की प्रति व्यक्ति आय पाकिस्तान की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत अधिक है. आज़ादी के बाद के बजट की तुलना में 2023 के बजट में हजारों गुना की बढ़ोतरी हुई है. 

आजादी के 76 साल बाद भी पाकिस्तान कंगाली से जूझ रहा है
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सऊदी अरब, चीन और यूएई ही नहीं बल्कि पाकिस्तान आईएमएफ का भी चौथा सबसे बड़ा कर्जदार है. शहबाज सरकार की काफी मिन्नतें के बाद आईएमएफ एक बार फिर पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए राजी हुआ है. पाकिस्तान जब से आजाद हुआ है, तब से IMF की ओर से पाकिस्तान को मिलने वाला यह 23 वां कर्ज है. आजादी के 76 साल बाद भी पाकिस्तान कंगाली से जूझ रहा है और दुनिया के लिए बोझ बनता जा रहा है. 
 

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