पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने दावा किया था कि भारत की तरफ से बातचीत की इच्छा जाहिर की गई है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के शीर्ष अधिकारियों ने पाकिस्तान के दावे को सिरे से खारिज कर दिया है. मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि भारत ने ना सीधे तौर पर और ना ही किसी के जरिए पाकिस्तान के साथ वार्ता शुरू करने की इच्छा जाहिर की है. बता दें, पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. मोइद यूसुफ ने कहा था कि भारत की तरफ से एक संदेश भेजा गया था जिसे उन्होंने "बातचीत की इच्छा" करार दिया था.
मामले से जुड़े सूत्र ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, ये पूरी तरह से कहानी है. उन्होंने कहा कि भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से भी जल्द ही इस दावे को लेकर बयान जारी किया जाएगा.
अधिकारियों का कहना है कि भारत का रुख साफ है कि पाकिस्तान से तभी कोई बातचीत होगी जब वो आतंकवाद और हिंसा से मुक्त वातावरण तैयार करने के लिए कदम उठाएगा. इसके लिए पाकिस्तान को अपने यहां के आतंकी प्रशिक्षण केंद्र पर नकेल कसनी होगी और तमाम आतंकवादियों के खिलाफ मुहिम चलानी होगी.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, जब तक पाकिस्तान बातचीत के लिए सकारात्मक माहौल नहीं बनाता है तब तक ये कहना कि भारत बातचीत के लिए तैयार है, सपना देखना ही है. इसके अलावा, पाकिस्तान के एनएसए ने साल 2014 के पेशावर में आर्मी स्कूल पर हमले से भी भारत को जोड़ने का दुस्साहस किया. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान की छत्रछाया में फले-फूले तहरीक-ए-तालिबान ने ली थी. इसमें 130 बच्चों की जानें चली गई थी.
इंटरव्यू में पाकिस्तान के एनएसए मोइद यूसुफ ने कहा था कि भारत को बातचीत से पहले उनकी पांच शर्तें माननी होंगी. इन मांगों में जम्मू-कश्मीर का दर्जा वापस करना, कश्मीर के राजनैतिक कैदियों की रिहाई शामिल है. पाकिस्तान आतंकवादियों के लिए भी राजनीतिक कैदी टर्म का इस्तेमाल करता है.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा था कि पाकिस्तान शांति के पक्ष में है और भारत के साथ किसी भी बातचीत का स्वागत करता है लेकिन कश्मीरियों की जिंदगी सामान्य होनी चाहिए, कश्मीरियों को किसी भी बातचीत में मुख्य पक्षकार के तौर पर शामिल किया जाना चाहिए और पाकिस्तान के खिलाफ प्रायोजित आतंकवाद को रोकना चाहिए.
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. मोइद यूसुफ ने भारतीय मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा था कि पाकिस्तान भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है और सभी विवादों का समाधान बातचीत के जरिए करना चाहता है. यूसुफ ने कहा कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करना भारत का आंतरिक मामला नहीं है बल्कि संयुक्त राष्ट्र का मामला है.
डॉ. यूसुफ ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार अपने देश की आर्थिक सुरक्षा और संपन्नता के लिए काम कर रही है जबकि भारत की सरकार हिंदुत्व की विचारधारा में अंधी हो गई है. उसने अपनी विस्तारवादी नीतियों की वजह से पड़ोसी देशों को खो दिया है जबकि पाकिस्तान क्षेत्र में शांति कायम कर रहा है. उन्होंने अंत में चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि भारत की किसी भी गुस्ताखी का जवाब पाकिस्तान की तरफ से जरूर दिया जाएगा.
गिलगित-बाल्टिस्तान में पाकिस्तान सरकार के नए कदम में भी एनएसए यूसुफ की अहम भूमिका मानी जा रही है. पाकिस्तान कश्मीर के विवादित इलाके को अपना पांचवां प्रांत बनाने जा रहा है. कहा जा रहा है कि चीन के इशारे पर ये कदम उठाया जा रहा है. चीन ने इस इलाके में चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर के तहत मिलियन डॉलर्स खर्च किए हैं. चीन नहीं चाहता है कि यहां उसके निवेश को किसी तरह का खतरा पैदा हो.