इजरायल के पूर्व रक्षा मंत्री और इजरायली सुरक्षा बल के स्टाफ प्रमुख रह चुके मोशे यालोन को अपने एक बयान की वजह से आलोचना झेलनी पड़ रही है. इजरायल के पूर्व रक्षा मंत्री मोशे ने एक रेडियो इंटरव्यू में कहा कि अगर इजरायल एक मजबूत यहूदी राष्ट्र नहीं होता तो अरब इजरायलियों ने यहूदियों का कत्ले आम कर दिया होता.
उन्होंने कहा, अगर हम इतने मजबूत नहीं होते तो यहां आज एक यहूदी राष्ट्र नहीं होता. जब उनसे ब्रॉडकास्टर ने सवाल किया कि क्या इजरायल की कमजोरी का फायदा अरबी यहूदियों को खत्म करने में उठाते तो उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें इसे लेकर कोई शक नहीं है.
जब इजरायल के एक अन्य नेता एम.के. अहमद तिबी ने इसे उकसावे वाली टिप्पणी करार दिया तो यालोन ने अपने बचाव में एक बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि उनके बयान को शायद गलत तरीके से लिया गया और वह इसके लिए माफी चाहते हैं.
यालोन ने कहा, इंटरव्यू में मैंने इजरायली समाज में अरब इजरायलियों के घुलने-मिलने की जरूरत पर जोर दिया था. अधिकतर अरब इजरायली भी यही चाहते हैं. मैंने स्पष्टीकरण में कहा भी है कि सरकार को उन्हें इजरायली समाज में मिलाने को लेकर काम करना चाहिए.
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच 11 दिनों तक चले संघर्ष के बाद सीजफायर तो हो गया है लेकिन दोनों तरफ से अभी भी आक्रामक बयानबाजी जारी है. दोनों ही पक्ष सीजफायर के बाद अपनी अपनी जीत का ऐलान कर रहे हैं. इजरायल के रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज ने कहा कि इजरायली सेना चरमपंथी संगठन हमास को कमजोर करने में कामयाब रही है. उन्होंने कहा कि अगर हमास इजरायल पर फिर से हमला करने की कोशिश करता है तो इजरायल की सेना और ज्यादा ताकत से उसका जवाब देगी. गैंट्ज ने कहा कि कुछ मामलों में इजरायली सेना को भी हमास पर पहले हमला करने के लिए तैयार रहना चाहिए.
गैंट्ज ने माना कि गाजा में निर्माण कार्य और मदद के लिए भेजी जा रही सामग्री का हमास इस्तेमाल कर सकता है. उन्होंने कहा, हम इस बात से अनजान नहीं है कि गाजा में भेजी जा रही मदद हमास के हाथों में जा सकती है और वह इसका इस्तेमाल खुद को मजबूत करने में कर सकता है.
वहीं, सीजफायर के बाद हुए सर्वे में सामने आया है कि अधिकतर इजरायली युद्धविराम के ऐलान को लेकर खुश नहीं है. अधिकतर इजरायलियों को लगता है कि इस लड़ाई में कोई भी विजेता नहीं है. चैनल 13 के पोल में सामने आया कि 54 फीसदी लोगों ने कहा कि इस टकराव में किसी की भी जीत नहीं हुई है वहीं, 24 फीसदी का कहना था कि इजरायल ने जीत हासिल की है और 16 फीसदी ने कहा कि इस लड़ाई में हमास विजेता बनकर उभरा.