इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच संघर्ष की आंच अब वेस्ट बैंक तक पहुंच चुकी है. दोनों पक्षों में संघर्ष के बीच वेस्ट बैंक सहित इजरायल के कई हिस्सों में फिलिस्तीनी नौजवान सड़क पर उतर आए हैं. इजरायल के कुछ इलाकों में फिलिस्तीनी युवकों और सुरक्षाबलों के बीच बहुत गंभीर संघर्ष देखने को मिला है. इसे क्षेत्र में हुई इस हिंसा को सबसे खराब करार दिया जा रहा है. इजरायल के कई शहरों में सैकड़ों युवा प्रदर्शनकारी इजरायली सैनिकों से भिड़ गए. इजरायली सुरक्षा बलों की गोलीबारी में अब तक 11 प्रदर्शनकारियों की जान जा चुकी है. हालात को देखते हुए इजरायल में गृह युद्ध की आशंका जताई जाने लगी है.
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इजरायल ने शनिवार तड़के गाजा पट्टी पर ताबड़तोड़ हवाई हमले किए. गाजा सिटी में एक घर पर हवाई हमले में कम से कम सात फिलिस्तीनियों की मौत हो गई. इससे पहले इजरायल की तरफ से टैंक से किए गए भीषण हमले में एक ही परिवार के छह सदस्यों की मौत हो गई जिसके बाद हजारों परिवार पलायन को मजबूर हो गए.
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एक समाचार एजेंसी के मुताबिक इजरायली सेना ने बताया कि इस ऑपरेशन में 160 लड़ाकू विमानों ने 40 मिनट में 80 टन विस्फोटक गिराए. इजरायली सेना हवाई हमलों और सर्विलांस से बचने के लिए हमास द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सुरंगों के एक नेटवर्क को नष्ट करने में सफल रही.
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दोनों पक्षों में संघर्ष को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में तेजी आने से पहले इजरायल हमास शासित गाजा पर जितना संभव हो सके, उतना नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है. गाजा पट्टी पर हमले के बदले सोमवार, 10 मई की रात से हमास ने इजरायल में सैकड़ों रॉकेट दागे हैं.
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गाजा में इजरायल के एयर स्ट्राइक से अब तक कम से कम 126 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें 31 बच्चे और 20 महिलाएं शामिल हैं. वहीं इजरायल में 6 साल के एक बच्चे, सैनिक सहति सात लोगों की मौत हो चुकी है.
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इजरायल के ताबड़तोड़ हवाई हमलों से सहमी हौदा औडा ने बताया कि वह और उनका परिवार गाजा के बेत हानौन शहर में अपने घर में जान बचाकर भाग गया. इजरायल का एयर स्ट्राइक इतना भयानक था कि लगा पूरी पृथ्वी हिल गई.
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हौदा औदा बताती हैं, 'हम अपने घर की खिड़कियों से बाहर झांक कर यह देखने तक की हिम्मत नहीं कर पाए कि इस हमले में कौन लोग मारे जा रहे हैं.'
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जब सुबह हुई तो हौदा औदा ने देखा कि सब कुछ तबाह हो चुका है. सड़कें ध्वस्त हो चुकी हैं, इमारतें जमींदोज हो चुकी हैं, जैतून के पेड़ झूलस चुके हैं, हर तरफ धूल ही धूल थी. तबाही का यह मंजर देख हौदा औडा का परिवार गाजा से सुरक्षित जगह पर पलायन कर चुका है. इसके तुरंत बाद, हमास ने कहा कि उसने हवाई हमले के जवाब में दक्षिणी इज़राइल पर रॉकेट दागे हैं.
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पिछले एक महीने यरुशलम में तनाव के कारण पैदा हुआ संघर्ष अब व्यापक हो चुका है. अरब और यहूदी मिश्रित आबादी वाले इजरायली शहरों में रोज हिंसा हो रही है. दोनों समुदायों की भीड़ आपस में भिड़ रही है और एक-दूसरे की संपत्ति को रौंद रही है. तटीय शहर एकर में शुक्रवार को नई झड़पें हुईं.
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कब्जे वाले वेस्ट बैंक में, रामल्लाह, नब्लस और अन्य कस्बों और शहरों के बाहरी इलाकों में सैकड़ों फिलिस्तीनियों ने यरुशलम में गाजा की मुहिम और इजरायल की कार्रवाइयों के विरोध में प्रदर्शन किया है. फिलिस्तीनी झंडे लहराते हुए प्रदर्शनकारियों ने ट्रकों में आग लगा दी. प्रदर्शनकारियों ने इजरायली सुरक्षाबलों पर पत्थराव किए. सैनिकों की गोलीबारी में कम से कम 10 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई. सैन्य चौकी पर एक सैनिक को छुरा घोंपने की कोशिश में एक 11वें फिलीस्तीनी की मौत हो गई.
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एक वीडियो वायरल है. इसमें पूर्वी यरुशलम में युवा यहूदी राष्ट्रवादी पत्थरबाजी करने वाले फिलिस्तीनी लोगों पर पिस्तौल से फायरिंग करते दिख रहे हैं. शेख जर्राह में अपनी बेदखली से फिलिस्तीनियों में रोष है. इजरायल की बेदखली के प्रयास के चलते ही अल-अक्सा मस्जिद में हिंसा भड़क उठी थी. बढ़ती हुई हिंसा ने एक नए फ़िलिस्तीनी "इंतिफ़ादा" यानी विद्रोह की आशंका को बढ़ा दिया है.
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बीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल से सटे जॉर्डन और लेबनान की सीमाओं पर भी शुक्रवार को फिलिस्तीनियों के समर्थन में प्रदर्शन हुए. इजरायली सेना की गोलीबारी में एक लेबनानी नागरिक की मौत हो गई. इजरायली मीडिया के मुताबिक पड़ोसी मुल्क सीरिया से इजरायल की ओर तीन रॉकेट दागे गए, लेकिन वे या तो सीरियाई क्षेत्र में या फिर खाली इलाकों में ही ध्वस्त कर दिए गए. हालांकि फौरी तौर पर अभी पता नहीं चल पाया है कि ये रॉकेट किसने दागे हैं.
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भड़की हिंसा के बाद से इजरायल में भी कुछ जग
हों पर इजरायली और अरब लोगों के बीच हाथापाई और झगड़े होने की रिपोर्ट्स मिली हैं. इसकी वजह से इजराइली सेना ने गृह युद्ध की आशंकाओं का भी ध्यान रखने की बात कही है. इजरायली सुरक्षा बलों को आंतरिक अशांति का खास ख्याल रखने के आदेश दिए गए हैं. इजरायल में अब तक चार सौ से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को अरेस्ट किया गया है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि हमास को अपने रॉकेट हमलों के लिए "बहुत भारी कीमत चुकानी होगी." वहीं हमास ने भी कड़ा सबक सिखाने की धमकी दी है.
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असल में, इस सारे विवाद की जड़ इजरायल की सरकार का एक फैसला है जिसने 1948 की जंग में पूर्वी यरुशलम में अपने घर खोने वाले यहूदियों को अपनी जायदाद पर दावा करने का हक दे दिया है. हालांकि अरब मूल के लोगों को ये अधिकार नहीं दिया गया है इससे अरब मूल के लोगों में नाराजगी है और उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है.
सात मई को इसी मुद्दे पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प शुरू हुई जो मुस्लिमों की पवित्र अल-अक्सा मस्जिद तक पहुंच गई. इस पूरी झड़प में 300 अरब मूल के लोग और 9 इजरायली पुलिस अफसर घायल हो गए. अपने पवित्र स्थल में इस तरह की अफरा-तफरी और हिंसा की तस्वीरों ने फिलिस्तीनियों समेत पूरे मुस्लिम जगत को परेशान कर दिया. लेकिन इजरायल के प्रधानमंत्री ने पुलिस के एक्शन को सही ठहरा कर ये जता दिया कि यरुशलम पर इजरायल अपना दावा पहले कहीं ज्याद मजबूती से रखेगा और उसे अपने हिसाब से बसाएगा.
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इस तरह इजरायल में शुरू हुई हिंसा से नाराज होकर हमास ने इजरायल पर रॉकेटों की बारिश कर दी और 2014 के बाद सबसे गंभीर हिंसा की चपेट में दोनों देश आ गए. इजरायल को इस वक्त अमेरिका का पूरा समर्थन हासिल है. जो हमास से तुरंत रॉकेट हमले रोकने को कहा रहा है. अमेरिका का साथ मिलने से इजरायल पूरी तरह से आक्रामक है और हमास को मिटाने पर आमादा है. लेकिन ये जंग जितनी बड़ी होती जाएगी मिडिल ईस्ट की शांति पर उतना ही बड़ा प्रश्नचिन्ह लग जाएगा. सवाल ये है कि अगर इजरायल और फिलिस्तीन में जंग छिड़ी तो इसका दुनिया पर क्या असर होगा?
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