इजरायल की तेल अवीव यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कैंसर के इलाज के लिए एक अभूतपूर्व तरीके की खोज की है. वैज्ञानिकों ने कहा है कि DNA में बदलाव करके उन्होंने चूहे में कैंसर सेल्स को खत्म कर दिया. कैंसर विशेषज्ञ प्रोफेसर डैन पीर का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि दो साल में नई तकनीक से इंसानों का इलाज हो सकता है.
टाइम्स ऑफ इजरायल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सपर्ट का कहना है कि नई तकनीक का कोई साइड इफेक्ट नहीं है. साथ ही वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि नई तकनीक से जिन कैंसर सेल्स को खत्म किया जाएगा उनके दोबारा एक्टिव होने की संभावना नहीं रहेगी.
Science Advances जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों का कहना है कि नई तकनीक से उन्होंने चूहों में कैंसर वाले सेल्स को खत्म कर दिया और अन्य सेल्स को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. CRISPR Cas-9 तकनीक के जरिए वैज्ञानिकों ने डीएनए में बदलाव किया.
प्रोफेसर डैन पीर ने यह भी कहा है कि भविष्य में नई तकनीक मौजूदा कीमोथेरेपी की जगह ले सकती है. बता दें कि स्टडी में इस्तेमाल की गई जीन एडिटिंग तकनीक को इसी साल केमिस्ट्री का नोबेल प्राइज भी मिला है.
स्टडी में सैकड़ों चूहों को शामिल किया गया था जो गंभीर किस्म के कैंसर से जूझ रहे थे. स्टडी में देखा गया कि ट्रीटमेंट पाने वाले चूहों की उम्र अन्य बीमार चूहों के मुकाबले दोगुनी हो गई. प्रोफेसर डैन पीर ने कहा है कि नई तकनीक से कैंसर के मरीजों की उम्र बढ़ सकती है और फिर बीमारी का पूरी तरह इलाज भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि तीन बार के ट्रीटमेंट कैंसर सेल्स को पूरी तरह खत्म कर सकता है.