फिलिस्तीन के मसले पर मुस्लिम देशों की चेतावनी के बावजूद संयुक्त अरब अमीरात (UAE) इजरायल के साथ आर्थिक क्षेत्र में लगातार साझेदारी बढ़ा रहा है. इजरायल और फिलिस्तीन में 11 दिन चले संघर्ष सीजफायर की घोषणा हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं लेकिन यूएई-इजरायल के रिश्तों पर इसका कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है. दुबई में इसी हफ्ते आयोजित हुए ग्लोबल इन्वेस्टमेंट फोरम में दोनों देशों के दिग्गज जुटे और आगे की कारोबारी रणनीति पर चर्चा की.
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दुबई में आयोजित ये कार्यक्रम पूरी तरह से बिजनेस पर फोकस रहा. प्रतिभागियों ने पर्यटन को बढ़ावा देने, रोजगार, टेक्नोलॉजी शेयरिंग, अर्थव्यवस्था और पीने के पानी की किल्लत पर चर्चा की. पिछले साल सितंबर में इजरायल और यूएई में द्विपक्षीय संबंधों के सामान्य होने के बाद हजारों इजरायली सैलानी अरब देश की यात्रा पर पहुंचे. ज्यादातर इजरायली पर्यटकों ने अबू धाबी या दुबई को अपने पसंदीदा शहर के तौर पर चुना.
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एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इन दोनों देशों के बीच व्यापार पहले ही 35.4 करोड़ डॉलर से अधिक हो चुका है. यूएई के विदेश व्यापार राज्य मंत्री थानी बिन अहमद अल-ज़ायौदी ने बताया कि दोनों देशों ने 15 से अधिक क्षेत्रों में लगभग 25 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं.
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ग्लोबल इन्वेस्टमेंट फोरम में आए दोनों देशों के दिग्गजों की बातचीत में फिलिस्तीनियों से संघर्ष की छाया भी नजर नहीं आई. फिलिस्तीन तनाव का संयुक्त अरब अमीरात और इजरायल के संबंधों पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है. वैसे भी संयुक्त अरब अमीरात फिलिस्तीन के मुद्दे पर इस बार इजरायल का कड़ा विरोध करता नजर नहीं आया. फिलिस्तीन, तुर्की और ईरान ने इजरायल पर यूएई के रुख की कड़ी आलोचना भी की थी.
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Speaker: Former Prime Minister of Israel Ehud Olmert
— Khaleej Times (@khaleejtimes) June 2, 2021
Panel Discussion: 'Visionary leadership in an evolving world'#GlobalInvestmentForum, an event organized by Khaleej Times and The Jerusalem Post in #Dubai on Wednesday.
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अभी हाल ही में इजरायल और फिलिस्तीन में 11 दिन चले संघर्ष के बाद सीजफायर का ऐलान हुआ है. इस संघर्ष में 250 से ज्यादा फिलिस्तीनियों को जान गंवानी पड़ी जिनमें 67 बच्चे भी शामिल हैं. इनमें तो एक ही परिवार से एक दिन में 22 लोग मारे गए. इजरायल के हमले का शिकार बनने वालों में छह महीने के बच्चे से लेकर 89 साल के बुजुर्ग तक शामिल हैं. हमास ने बताया कि इजरायल से संघर्ष में उसके 80 लड़ाकू जवान मारे गए. वहीं, हमास के रॉकेट हमले में इजरायल में एक बच्चे और सैनिक सहित 13 लोग मारे गए.
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मगर ग्लोबल इन्वेस्टमेंट फोरम इजरायल और फिलिस्तीन के संघर्ष से अछूता रहा. बुर्ज खलीफा टॉवर में स्थित आलीशान अरमानी होटल में आयोजित कार्यक्रम में दिग्गजों ने शिरकत की. इनमें से किसी के चेहरे पर रिश्तों में तनाव का कोई संकेत नहीं था बल्कि कई लोगों इसे लेकर हैरानी जता रहे हैं कि इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात में कितनी तेजी से कारोबारी रिश्ते आगे बढ़े रहे हैं.
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कार्यक्रम में पहुंचे अबू धाबी में इजरायल के राजदूत ईतन ना'ह ने कहा, "आज जो हो रहा है यह पहले नहीं हुआ था. अगर आपने मुझसे एक साल पहले बात की होती, तो मुझे अनुमान नहीं होता कि (हम) आज यहां दुबई में इन सभी चीजों के बारे में बात करेंगे."
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कार्यक्रम से इतर ईतन ना'ह ने एसोसिएटेड प्रेस से कहा, पिछले साल 15 सितंबर को अमेरिका की अध्यक्षता में इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात में हुए समझौते के बाद यह पहली बार है जब निवेश को लेकर पहला फेस-टू-फेस कार्यक्रम आयोजित किया गया है.
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अबू धाबी इन्वेस्टमेंट ऑफिस के महानिदेशक तारिक बिन हेंडी ने बताया कि उनके देश ने "इजरायली कंपनियों को यूएई में स्थापित होने में मदद की है." इस ऑफिस का मकसद अबू धाबी में विदेशी निवेश को आकर्षित करना और निजी क्षेत्र में विविधता लाना है. तारिक बिन हेंडी ने कहा, "हम चाहते हैं कि इज़रायल के लोग और बाकी दुनिया के लोग हमारे साथ आएं, और हमारी मदद करें, हमारे साथ काम करें, हमसे सीखें, हमें अपने से सीखने की अनुमति दें, और अंततः संबंध मजबूत बनाएं."
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हालांकि, इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वालों में इजरायल का कोई बड़ा चेहरा नहीं था. माना जा रहा है कि फिलिस्तीन से तनाव के चलते इजरायल की कोई हस्ती इस कार्यक्रम में शिरकत नहीं कर सकी. गाजा में हिंसा के चलते वक्ताओं की सूची में भी कई बार बदलाव देखने को मिला. अभी हाल ही में दोनों देशों ने दोहरे कराधान को लेकर करार किए हैं.
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