चीन और पाकिस्तान तालिबान की सत्ता को मान्यता देने के लिए तैयार हैं और अब रूस भी यही लाइन लेता दिख रहा है. रूस ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा जमा चुके तालिबान के रवैये की सराहना की है. अफगानिस्तान में रूस के राजदूत दिमित्री झिरनोव ने तालिबान के आचरण की तारीफ करते हुए उनके दृष्टिकोण को अच्छा और सकारात्मक बताया. उन्होंने कहा कि कट्टरपंथी इस्लामिक गुट ने पहले 24 घंटों में काबुल को पिछले अधिकारियों की तुलना में अधिक सुरक्षित बना दिया है. हालांकि, भारत ने अभी तक तालिबान की सत्ता को मान्यता देने को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है लेकिन अभी तक वह लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई अशरफ गनी सरकार के साथ ही रहा है. ऐसे में, रूस का ये बयान भारत के लिए किसी झटके से कम नहीं है.
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रॉयटर्स के मुताबिक, मॉस्को के एको मोस्किवी रेडियो स्टेशन से बात करते हुए ज़िरनोव ने कहा, "स्थिति शांतिपूर्ण और अच्छी है और शहर में सब कुछ शांत हो गया है. तालिबान के तहत अब काबुल में स्थिति (राष्ट्रपति) अशरफ गनी की तुलना में बेहतर है."
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तालिबान ने दुनिया को हैरान करते हुए बिजली की रफ्तार से अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया. काबुल में दाखिल होते ही राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए. अफगान राष्ट्रपति का कहना था कि उन्होंने देश छोड़ दिया क्योंकि वह रक्तपात को रोकना चाहते थे. अशरफ गनी अभी कहां है, इसकी अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
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रूसी राजदूत ने कहा, "कल अफगान सरकार ताश के पत्तों की तरह गिर गई. अव्यवस्था की भावना थी, पावर वैक्यूम बना हुआ था. सड़कों पर लुटेरे निकल आए थे."
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इस बीच, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर फोन पर सोमवार को चर्चा की, और दोनों नेता इस मसले पर चीन, पाकिस्तान और संयुक्त राष्ट्र के साथ बातचीत जारी रखने पर सहमत हुए. रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान संकट को लेकर एंटनी ब्लिंकन ने सर्गेई लावरोव को अमेरिकी प्रशासन द्वारा अब तक उठाए गए कदमों विशेष रूप से अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों को निकालने और गंभीर मानवीय मुद्दों को हल करने के बारे में जानकारी दी.
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सर्गेई लावरोव ने एंटनी ब्लिंकन को अफगानिस्तान की स्थिति पर रूस के दृष्टिकोण और वहां की राजनीतिक शक्तियों के साथ अपने संपर्कों के बारे में बताया ताकि कानून और व्यवस्था के साथ स्थिरता को सुरक्षित किया जा सके. रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्री चीन, पाकिस्तान और अन्य संबंधित देशों और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों के साथ परामर्श जारी रखने पर सहमत हुए ताकि नए हालात में एक समावेशी अंतर-अफगान वार्ता के लिए आधार तैयार किया जा सके.
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तालिबान ने रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया, जिसके बाद अमेरिका और अन्य देशों को अपने नागरिकों और राजनयिकों को निकालने को मजबूर होना पड़ा. लेकिन रूस ने कहा कि तालिबान ने आश्वासन दिया है कि रूसी दूतावास सुरक्षित है और वो अपना संचालन जारी रख सकता है.
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