अपने बयानों और अपने आदेशों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन एक बार फिर चर्चा में हैं. किम जोंग उन ने आखिरकार कबूल किया कि उनका देश उत्तर कोरिया अब तक की सबसे भयावह स्थिति का सामना कर रहा है. (File Photo: Getty)
दरअसल, किम जोंग उन ने प्योंगयांग में आयोजित सम्मेलन में अपनी सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने एक रिपोर्ट में बताया कि किम जोंग ने मंगलवार को वर्कर्स पार्टी के सम्मलेन में कई बातें रखीं. इस दौरान उन्होंने अपने समर्थकों को कुछ सुझाव भी दिए. (File Photo: Getty)
किम जोंग उन ने कहा कि अब तक की सबसे खराब स्थिति में लोगों की जिंदगियों को बेहतर बनाना होगा. इसके लिए पार्टी की शाखाएं, पार्टी के जमीनी संगठन अपनी भूमिका निभा सकते हैं. इस स्थिति में हमें कई अभूतपूर्व चुनौतियों से उबरना है. (File Photo: Getty)
इस दौरान किम जोंग ने पार्टी सदस्यों से जनवरी में हुई कांग्रेस में लिए फैसलों को लागू करने का भी अनुरोध किया. रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया में सत्तारूढ़ किम की पार्टी सेल्स में 5 से 30 सदस्य हैं और यह पार्टी की सबसे छोटी यूनिट है, जो उत्पादन के कामकाज पर नजर रखती है. वर्कर्स पार्टी के सत्ता पर कब्जा बनाए रखने में यह एक अहम यूनिट है. (File Photo: Getty)
अस्थिर अर्थव्यवस्था: न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर कोरिया में किम जोंग उन के शासन का एक दशक पूरा होने जा रहा है और पहले से ही अस्थिर उसकी अर्थव्यवस्था लॉकडाउन और अमेरिका के प्रतिबंधों के कारण और ज्यादा चरमरा गई है. (File Photo: Getty)
अमेरिका के प्रतिबंधों की बात करें तो उत्तर कोरिया लगातार उस बैन को दरकिनार कर अपने परमाणु हथियारों और बैलिस्टिक मिसाइलों को आधुनिक बनाने में लगा हुआ है. इसके साथ ह, वह दूसरे देशों से इन कार्यक्रमों में इस्तेमाल होने वाली तकनीक को ले रहा है. (File Photo: Getty)
रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया पर लगाए गए संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों पर निगरानी रखने वाले विशेषज्ञों के एक दल ने सिक्योरिटी काउंसिल में रिपोर्ट भी भेजी है. इस रिपोर्ट में बताया है कि किम जोंग उन की सरकार ने ऐसी सामग्री का निर्माण भी कर लिया है जिससे परमाणु हथियार बनाया जा सकता है. (File Photos)
लेकिन अब खुद तानाशाह किम जोंग ने खुद स्वीकार कर लिया है कि उत्तर कोरिया की स्थिति सबसे भयावह दौर से गुजर रही है. रिपोर्ट्स पहले भी आ चुकी हैं कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने उत्तर कोरिया को बहुत नुकसान पहुंचाया है. एक तथ्य यह भी है कि उत्तर कोरिया ने अपने यहां कोरोना के बारे में भी सटीक जानकारी दुनिया को नहीं दी थी.
अमेरिका से टकराव जारी: उधर उत्तर कोरिया को लगातार आर्थिक रूप से जो झटके लग रहे हैं. अभी हाल ही में उत्तर कोरिया ने बाइडेन प्रशासन से बातचीत की पेशकश को ठुकरा दिया था. किम जोंग उन ने कहा था कि वॉशिंगटन को सबसे पहले अपनी बंधक बनाने वाली पॉलिसी को खत्म करना होगा. इसके बाद ही बात हो सकती है.
विशेषज्ञों का यह भी मानना कि उत्तर कोरिया की स्थिति शायद ही इतनी जल्दी बेहतर हो. उसका एक कारण यह भी है कि उत्तर कोरिया अमेरिका से बातचीत को तैयार नहीं हैं और इसकी वजह यह है कि किम जोंग उन अपना परमाणु कार्यक्रम नहीं छोड़ना चाहते.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन उत्तर कोरिया से बातचीत करना चाहते हैं लेकिन किम जोंग उनकी इसमें कोई दिलचस्पी नहीं. अभी हाल ही में किम जोंग की बहन किम यो जोंग ने कहा कि हम अमेरिकी प्रशासन को चेतावनी देना चाहते हैं कि वे लोग हमारी जमीन पर बारूद की गंध फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. अगर वे अगले 4 साल तक शंति से सोना चाहते हैं तो उन्हें अस्थिरता का कारण बनने से बचना चाहिए.
साथ ही किम यो जोंग ने अपने पड़ोसी दक्षिण कोरिया और अमेरिका के संयुक्त सैन्य अभ्यास की भी आलोचना की और उसे हमले की तैयारी बताया है. किम यो जोंग, नॉर्थ कोरिया के शासक किम जोंग उन की इकलौती बहन हैं. उन्हें नॉर्थ कोरिया में काफी ताकतवर समझा जाता है.